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पैसों के लिए इस्तेमाल होते थे कोड वर्ड, कोड एम, एच और डायरी ने खोले मंत्री आलमगीर के राज - Alamgir Alam case

Money transactions done through code words. मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े केस में ईडी ने बड़ा खुलासा किया है. ईडी ने कोर्ट को बताया कि कैसे ग्रामीण विकास विभाग में कोडवर्ड के जरिए भ्रष्टाचार किया जा रहा था. यह भी बताया गया कि जहांगीर के यहां से बरामद पैसे मंत्री आलमगीर आलम के हैं.

Money transactions done through code words
मंत्री आलमगीर आलम (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 22, 2024, 7:26 AM IST

Updated : May 22, 2024, 7:46 AM IST

रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के बारे में अगर हम कहें कि यह विभाग आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है तो गलत नहीं होगा. ईडी ने जो खुलासे किए उसने इस विभाग की भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और घोटालों की पोल खोल कर रखी दी है. यह भी पता चला है कि ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को पैसे देने के लिए कोड का इस्तेमाल किया गया था.

ईडी ने किया खुलासा

झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में ठेकों में रिश्वतखोरी को लेकर ईडी ने बड़ा खुलासा किया है. ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में सौंपे दस्तावेज में बताया है कि मंत्री आलमगीर आलम के लिए रिश्वत की रकम की गणना के लिए किताब में कोड एम और एच का इस्तेमाल किया गया था. एम का मतलब मिनिस्टर और एच का मतलब ऑनरेबल मिनिस्टर था.

ईडी द्वारा संलग्न दस्तावेज (ईटीवी भारत)

कोड वर्ड भले ही अलग-अलग रहे हों लेकिन सारा पैसा आलमगीर आलम को जाता था. ईडी ने कोर्ट में एक डायरी भी दाखिल की है जो जहांगीर आलम के घर से बरामद हुई थी. सैकड़ों पन्नों की उस डायरी के कुछ पन्ने ईडी ने कोर्ट को सौंप दिए हैं. डायरी में मंत्री जी के लिए एम लिखा है तो कई जगह ऑनरेबल मिनिस्टर के लिए कोड एच लिखा हुआ है.

जानिए किसको कैसे दिया जाता है पैसा

ईडी ने सैंपल के तौर पर एक पेज कोर्ट को दिया है. जिसमें 9 से 19 जनवरी तक के 25 ठेकों का जिक्र है. प्रत्येक डिवीजन में किस कंपनी को ठेका दिया गया, इस कंपनी ने कितना भुगतान किया, साथ ही भुगतान का कितना हिस्सा मंत्री को मिला, इसका विवरण इस पृष्ठ पर उपलब्ध है. यहां एम कोड के साथ 123 लाख रुपये का जिक्र हैं. कुल कलेक्शन करीब 223.77 लाख रुपये रहा है.

मनीष, उमेश कौन? जांच कर रही है ईडी

डायरी में हिसाब-किताब में मनीष और उमेश नाम के शख्स का भी जिक्र है. एक पन्ने में मनीष को 4.22 करोड़ और उमेश को 5.95 करोड़ रुपये देने का जिक्र है. ईडी इस बात की जांच कर रही है कि डायरी में जिन मनीष और उमेश नाम के लोगों का जिक्र है, वह कौन हैं?

जहांगीर के यहां मिले पैसे मंत्री आलमगीर के

ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में यह भी दावा किया है कि मंत्री आलमगीर आलम ग्रामीण विकास विभाग में जुटाए गए सारे पैसे और खुद से जुड़े दस्तावेज संजीव लाल के जरिए जहांगीर के फ्लैट में रखते थे. एजेंसी ने दावा किया है कि जहांगीर के घर से बरामद पूरे 32.20 करोड़ रुपये आलमगीर आलम के हैं. वहीं, ईडी ने कोर्ट को बताया है कि सरकारी दस्तावेज, हिसाब-किताब की डायरी समेत वहां जो भी चीजें मिलीं, उन्हें आलमगीर आलम के निर्देश पर संजीव लाल ने वहां रखा था.

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Last Updated : May 22, 2024, 7:46 AM IST

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