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गाजियाबाद में महिला की मॉडर्न फार्मिंग से चमकी किस्मत, सालाना 10 लाख रुपये की कमाई

-खेती की नई तकनीक से कमाए जा सकते हैं लाखों रूपये -गाजियाबाद में मंजू कश्यप फॉर्म लेडी के नाम से मश्हूर

गाजियाबाद में तालाब में मॉडर्न फार्मिंग
गाजियाबाद में तालाब में मॉडर्न फार्मिंग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

नई दिल्ली/गाजियाबाद: शहरी क्षेत्र की महिलाओं की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के पास रोजगार के अवसरों की कमी होती है. ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर हासिल करना काफी चुनौती पूर्ण होता है. गाजियाबाद के दुहाई गांव की रहने वाली मंजू कश्यप ने तमाम मुश्किलों को पीछे छोड़ते हुए खुद का आजीविका का साधन स्थापित किया. साथ ही अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं.

फॉर्म लेडी के नाम से मश्हूर: गाजियाबाद में मंजू कश्यप को फॉर्म लेडी के नाम से जाना जाता है. खेती की नई तकनीक का इस्तेमाल कर मंजू हर साल लाखों रुपये कमा रही है. गाजियाबाद की दुहाई गांव में करीब 25 बीघे के तालाब में मछली पालन, सिंघाड़े समेत कई सब्जियां और फलों की खेती कर रही हैं. कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर मंजू ने खेती की मॉडर्न टेक्निक्स का इस्तेमाल कर आय के साधनों को बढ़ाया है. मंजू का प्रयास है कि वह खेती का नया मॉडल स्थापित कर सके. जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले किसान कम संसाधनों में भी विभिन्न प्रकार की खेती कर अपने आय के कई साधन स्थापित कर सकें.

गाजियाबाद में तालाब में मॉडर्न फार्मिंग (Etv bharat)

फिश फार्मिंग से शुरुआत:करीब तीन साल से मंजू फिश फार्मिंग कर रही है. शुरुआत फिश फार्मिंग से की लेकिन धीरे-धीरे नई तकनीक और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अपने दायरे को बढ़ाया. फिलहाल, मंजू तालाब में फिश फार्मिंग और सिंघाड़े की खेती कर रही है. तालाब के किनारे मेढ़ पर मंजू ने गोभी, भिंडी, बैंगन, तोरई, टमाटर, लौकी, बेर अमरूद आदि लगा रखें है. मंजू मेढ़ पर पालक की खेती भी करती हैं.

शुरूआत में कठिनाइयों का सामना:मंजू कश्यप बताती है कि शुरुआत के दिनों में कठिनाइयां तो काफी आई. कई बार ऐसा लगा कि एक अकेली महिला के लिए यह सब करना बहुत मुश्किल है. मुश्किल वक्त में परिवार ने हौंसला बढ़ाया. परिवार के लोगों ने समझाया कि कोशिश करते रहो, एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी. मेहनत लगातार जारी रखी. कुछ महीने के बाद ही परिणाम नजर आने लगे. शुरुआत में आमदनी हुई तो और हौसला मिला, जिसके बाद मॉडर्न फार्मिंग की नई तकनीकी सीखी और अपने काम को नई तकनीक के दम पर आगे बढ़ाया.

फॉर्म लेडी को अवार्ड से सम्मानित करते हुए (ETV Bharat)

कृषि विज्ञान केंद्र से ट्रेनिंग:मंजू कश्यप बताती हैं कि कृषि विज्ञान केंद्र गाजियाबाद से उन्होंने ट्रेनिंग प्राप्त की है. मछली पालन या खेती में किसी भी प्रकार की समस्या आने पर कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करते हैं. समस्या के समाधान के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा पूर्ण रूप से सहयोग किया जाता है.

सालाना 10 लाख की आमदनी:फार्म लेडी मंजू कश्यप का कहना है कि सालाना मछली पालन, सिंघाड़ा फल और सब्जियों की खेती से करीब 10 लाख रुपये की आमदनी हो जाती है. ग्रामीण क्षेत्र की अन्य महिलाओं को खेती की मॉडर्न तकनीक से जोड़ने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र गाजियाबाद की मदद से महिलाओं का समूह तैयार किया है. हमारा प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्र की अधिक से अधिक महिलाओं को मॉडर्न फार्मिंग से जोड़कर आत्मनिर्भर बन सके.

फॉर्म लेडी को अवार्ड से सम्मानित करते हुए (ETV Bharat)

मंजू कश्यप को अवॉर्ड:विश्व मत्स्य दिवस पर लखनऊ में प्रदेश के मिनिस्ट्री ऑफ़ फिशरीज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने मंजू कश्यप को सम्मानित किया था. दिल्ली के पूसा संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में मंजू कश्यप को आमंत्रित किया गया था. जहां मंजू ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी.

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