लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में उस समय हलचल मच गई, जब अपना दल (एस) के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल पर उनकी साली और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी पटेल ने प्राविधिक शिक्षा परिषद में पदोन्नति में घोटाले के गंभीर आरोप लगाए. यह मामला अब केवल पारिवारिक विवाद नहीं रह गया, बल्कि सियासी मोर्चे पर नया बवाल खड़ा हो गया है. वहीं, आशीष पटेल का कहना है कि राजनीतिक हत्या करने के लिए साज़िश के तहत तथ्यहीन और अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं. मेरे मंत्रित्व काल में प्राविधिक शिक्षा विभाग में वंचित वर्ग से आने वाले कार्मिकों के हितों की रक्षा के बारे में पूरे उत्तर प्रदेश को पता है.
पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि शिक्षक विभाग में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसमें योग्य उम्मीदवारों को अवसर से वंचित कर दिया गया.उन्होंने दावा किया कि यह घोटाला मुख्यमंत्री के नाम पर किया गया और प्राविधिक शिक्षा परिषद में 177 पदोन्नति अनियमित तरीके से की गईं. पल्लवी ने मांग की कि इन लिस्ट को तुरंत रद्द कर योग्य उम्मीदवारों को चयनित किया जाए. पल्लवी पटेल ने कहा कि यह लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, न कि किसी परिवारिक विवाद की. योग्य उम्मीदवारों के अवसरों की सौदेबाजी हुई है, मेरी मांग न्याय की है ना कि किसी के इस्तीफा की. भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की जाए.
पल्लवी पटेल के आरोप पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं. (Video Credit; ETV Bharat) आरोपों की जांच कराई जाएगीःवहीं, मंत्री आशीष पटेल पर लगे आरोपों पर बीजेपी के मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाती है. आरोपों की जांच कराई जाएगी, और अगर आरोप सिद्ध होते हैं तो निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. सपा के विधायक जयप्रकाश अंचल ने कहा कि सरकार को अपने सहयोगी दल के नेता पर लगे आरोपों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए. उन्होंने बीजेपी की भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के दावों पर भी सवाल उठाए.
पारिवारिक विवाद बनाम सियासी मुद्दाःराजनीतिक विश्लेषक मनमोहन अग्रवाल का कहना है कि पल्लवी पटेल द्वारा उठाए गए मुद्दे को सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही पारिवारिक विवाद तक सीमित रखना चाहते हैं. पल्लवी पटेल को समाजवादी पार्टी का भी साथ नहीं मिल रहा है, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से सपा ने उनसे दूरी बना ली है. पलवी पटेल विधानसभा परिसर में 11:00 बजे तक धरना करती रहीं लेकिन समाजवादी पार्टी का कोई भी विधायक उनके साथ नहीं आया. वहीं, सत्ता पक्ष के लोग भी आशीष पटेल के साथ खड़ा होने नहीं चाहती हैं. क्योंकि समाजवादी पार्टी सीधे सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर देगी. हालांकि योगी सरकार को इन आरोपों से कोई खतरा नहीं है.
प्राविधिक शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्रःबता दें कि प्राविधिक शिक्षा परिषद में हुए 177 कार्मिकों के प्रमोशन के बाद सीधी भर्ती पदों पर उनके प्रमोट होने से आरक्षण के पदों को नुकसान होने का आरोप अपना दल (कैमरावादी) की विधायक पल्लवी पटेल ने और परिषद से जुड़े विभिन्न संघों ने लगाया था. इस आरोप के बाद प्राविधिक शिक्षा विभाग अनुभाग दो की तरफ से मंगलवार देर रात एक आदेश जारी कर दिया है. इस आदेश में बताया गया कि 30 मई 2024 को हुई डीपीसी के बाद जारी पदोन्नति आदेश के तहत विभागाध्यक्ष के पदों पर पदोन्नति हुई. आदेश के मुताबिक, कुल 177 तक कार्मिकों की श्रेणी एवं संख्या की जो सूची जारी हुई है, उसमें डायरेक्ट भर्ती होने वाले पदों पर किसी भी तरह के आरक्षण के नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है. उप सचिव चिरौंजी लाल ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.
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