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अपना घर सेवा आश्रम में डेढ़ साल बाद अपनों से मिली लापता हुई अनीता, परिजन हुए भावुक - MISSING ANITA FOUND IN KORBA

मानसिक रूप से कमजोर लापता हुई अनीता गुरुवार को डेढ़ साल बाद अपना घर सेवा आश्रम में अपने परिवार से मिली.

MISSING ANITA FOUND IN KORBA
परिजन हुए भावुक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 16, 2025, 9:07 PM IST

Updated : Jan 16, 2025, 9:15 PM IST

कोरबा: मानसिक रूप से कमजोर, निराश्रित और इसी तरह के समाज के दबे कुचले और पिछड़ों की देखभाल के लिए संचालित अपना घर सेवा आश्रम में डायल 112 के माध्यम से लापता हुई महिला को डेढ़ साल पहले यहां लाया गया. जिसका इलाज भी किया जा रहा था.

डेढ़ साल बाद मिली बहन: एक हफ्ते पहले अचानक महिला ने अपना पता बताया. इसके बाद अपना घर के संचालकों ने बताए गए पते पर संपर्क किया और परिजन अपना घर सेवा आश्रम पहुंचे और अनीता को अपने साथ ले गए. इस दौरान महिला के परिजन काफी भावुक थे. डेढ़ साल बाद वह अपने परिवार की खोई हुई बेटी से मिल रहे थे.

परिवार वाले कर रहे थे तलाश: डेढ़ साल पहले गुमशुदा हुई अनीता के बड़े भाई बाकीमोंगरा क्षेत्र के घुड़देवा क्षेत्र में रहते हैं. अनीता के बड़े भाई बंधन सिंह ने बताया कि अनीता शुरू से ही मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर थी. वह डेढ़ साल पहले बिना बताए घर से कहीं चली गई थी.

डेढ़ साल बाद मिली बहन (ETV Bharat)

अनीता की शादी रायगढ़ जिले में की गई थी, हालांकि तब उसकी मानसिक स्थिति काफी हद तक ठीक हो चुकी थी. अचानक वह लापता हो गई, तब हमने उसे तलाशने का काफी प्रयास किया. हर तरफ तलाशा लेकिन वह कहीं नहीं मिली - बंधन सिंह, अनीता के बड़े भाई

घर में लौटी खुशियां: बंधन सिंह ने बताया कि एक दिन पहले हमें अचानक अपना घर सेवा आश्रम से मितानिन के जरिए संपर्क किया गया और बताया कि अनीता यहां रह रही है. हम उसकी फोटो लेकर यहां पहुंचे और तस्वीर से ही हमने कंफर्म कर लिया था. खोए हुए ऐसे लापता परिजन से दोबारा मिलने का अवसर किस्मत वालों को मिलता है, हम तो सोच रहे थे कि हमारी बेटी शायद ही हमें कभी दोबारा मिल पाएगी. काफी खुशी हो रही है.

एक हफ्ते पहले बताया पति का पता: अपना घर सेवा आश्रम का संचालन छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी एक गैर सामाजिक संस्था द्वारा किया जाता है. जिसके अध्यक्ष राणा मुखर्जी ने बताया कि अपना घर में हम इसी तरह के समाज के कमजोर तबके के निराश्रित गुमशुदा लोगों को रखते हैं. डेढ़ साल पहले डायल 112 के जरिए हमें अनीता दीदी को सौंपा गया था.

मेडिकल कॉलेज से चल रहा था इलाज: राणा मुखर्जी ने बताया कि अनीता कोरबा के ही आसपास के क्षेत्र से कहीं भटकते हुए पाई गई थी. तभी से हम अपना घर में उनकी देखभाल कर रहे हैं. वह मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर भी थी. इसलिए मेडिकल कॉलेज के माध्यम से इनका इलाज हम कर रहे थे. दवा भी दी जा रहे थी.

अपना घर सेवा आश्रम: राणा मुखर्जी ने कहा कि अनीता ने अचानक एक हफ्ते पहले हमें बताया कि उनके पति घरघोड़ा क्षेत्र में निवास करते हैं, जिसके बाद हमने वहां के टीआई और अन्य लोगों से संपर्क किया. तब इनका मायका बांकीमोंगरा क्षेत्र में होने का पता चला. घर वालों को सूचना दी इसके बाद आज उनके परिजन यहां आए हैं और अनीता को अपने साथ ले जा रहे हैं.

यह काफी भावुक क्षण होता है. परिवार वाले मिलकर काफी खुश होते हैं, लेकिन हमारे लिए भी यह भावुकता वाला पल होता है. हमारे आश्रम से परिवार का एक सदस्य विदा लेता है - राणा मुखर्जी,अध्यक्ष,संचालक,अपना घर सेवा आश्रम

कई परिवारों को मिला चुके हैं राणा: राणा मुखर्जी के मुताबिक इस तरह से हमारे कई लोग यहां से आए और इसके बाद वह अपने परिजनों को मिल चुके हैं. हाल ही में लुधियाना से एक परिवार यहां निवास करने वाले व्यक्ति को लेने पहुंचे थे.

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Last Updated : Jan 16, 2025, 9:15 PM IST

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