रांची: कुव्यवस्था के कारण राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है. इस बार रिम्स अस्पताल परिसर के टूटे फर्श चर्चा का विषय बना हुआ है. रिम्स के इंडोर विभाग, ओपीडी और आईसीयू में अधिकांश फर्श टूट गए हैं. फर्श पर टाइल्स लगा था और अब टाइल्स टूट गए हैं. इस कारण स्ट्रेचर पर और व्हीलचेयर पर मरीजों को लाने और ले जाने में परेशानी होती है.
टूटे फर्श में कई बार फंस जाते हैं स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के पहिए
कई बार तो टूटे फर्श में स्ट्रेचर और व्हीलचेयर का चक्का फंस जाता है. ऐसे में मरीजों का दर्द अधिक बढ़ जाता है. वहीं ट्रॉली मैन और वार्ड ब्वॉय के लिए इन गड्ढों और टूटे फर्श से बचाकर स्ट्रेचर और व्हीलचेयर निकालकर ले जाना किसी चुनौती से कम नहीं होती है.
मरीजों के परिजनों ने साझा की परेशानी
रिम्स के इंडोर विभाग में अपने मरीज को ले जा रहे परिजन शंकर बेदिया बताते हैं कि फर्श टूटने के कारण कई बार मरीज को ले जाने में काफी मुसीबत होती है. टूटे फर्श में स्ट्रेचर का पहिया फंस जाने से गंभीर मरीजों को चोट लगने की भी संभावना बढ़ जाती है. वहीं आईसीयू में भर्ती एक मरीज के परिजन ने कहा कि रिम्स प्रबंधन यदि चाहे तो यह काम मिनटों में करवा सकता है. लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
रिम्स के ट्रॉली मैन और वार्ड ब्वॉय को भी होती है परेशानी
मरीजों के परिजनों ने बताया कि यदि टूटे फर्श के स्थान को सीमेंट से भरवा दिया जाए तो स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर जाने वाले मरीजों को झटके से राहत मिल सकती है. फर्श टूटने की वजह से होने वाली परेशानियों के संबंध में रिम्स में काम करने वाले कर्मचारी बताते हैं कि टूटे-फूटे फर्श पर स्ट्रेचर ले जाने से आवाज उत्पन्न होती है. जिससे गंभीर मरीजों को परेशानी होती है.