केदारनाथ धाम यात्रा पर मंत्री सौरभ बहुगुणा की प्रेस कॉन्फ्रेंस (VIDEO- ETV BHARAT) रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को अच्छी व्यवस्थाओं के बीच बाबा केदार के दर्शन हो रहे हैं. यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं के साथ ही पशुओं का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. घोड़े-खच्चरों और हॉकरों की निगरानी को लेकर पैदल पड़ावों में टीमें तैनात की गई हैं. सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं के कारण अब तक 9.50 लाख तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. जबकि पिछले वर्ष इस समय तक 6.50 लाख श्रद्धालु ही बाबा के दरबार में पहुंचे थे. ये बातें पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने रुद्रप्रयाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही है.
सौरभ बहुगुणा ने आगे कहा, केदारनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा पड़ावों में बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने को लेकर सरकार कटिबद्ध है. केदारनाथ धाम में मिल रही सुविधाओं से तीर्थयात्री खुश नजर आ रहे हैं. वे यहां से अच्छा संदेश लेकर जा रहे हैं. मंत्री सौरभ ने बताया कि पिछले वर्ष इस समय तक 6.50 लाख के करीब तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे थे. लेकिन इस साल यह आंकड़ा 9.50 लाख के पार हो गया है.
उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के प्रति भक्तों की आस्था बढ़ती जा रही है. गौरीकुंड-केदारनाथ 19 किमी पैदल मार्ग पर शौचालय, पेयजल, स्वास्थ्य, बिजली सहित अन्य सुविधाएं मिल रही हैं. केदारनाथ पैदल मार्ग पर 11 करोड़ की लागत से चार जगहों पर टिनशेड निर्माण किया गया है. इसके साथ ही अन्य कार्य भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पहले पैदल यात्रा मार्ग पर पशुओं के लिए आराम करने की जगह नहीं थी. लेकिन अब टिनशेडों के निर्माण से उन्हें आराम भी मिल रहा है. रूद्रा प्वाइंट, बड़ी लिनचोली, सोनप्रयाग और त्रियुगीनारायण मार्ग पर टिनशेड निर्माण किए गए हैं.
मंत्री बहुगुणा ने बताया कि यात्रा मार्ग पर संचालित पशुओं पर टिटनेस के इंजेक्शन टीके लगाए गए हैं. जबकि पहले एंटी टिटनेस के इंजेक्शन भी लगाए गए हैं. जिससे घोड़े-खच्चरों की मौत में भी कमी आई है. पशुओं पर टैग लगाए हैं और 6 स्कैनर अधिकारियों को दिए गए हैं. इससे रजिस्टर्ड घोड़े की पहचान हो रही है. यात्रा मार्ग पर 24 घंटे गर्म पानी की व्यवस्था गौरीकुंड में की गई है. जबकि तीन और जगहों पर गर्म पानी की व्यवस्था की जा रही है.
उन्होंने बताया कि जहां पिछली यात्रा में अब तक की यात्रा में 68 पशुओं की मौत हुई थी. वहीं इस वर्ष की यात्रा में अब तक 35 घोड़े-खच्चरों की मौत हुई है. पशुओं की मृत्यु दर में पचास प्रतिशत की कमी आई है. पशुपालन मंत्री ने बताया कि बीमार और चोटिल पशुओं के संचालन पर रोक लगाई गई है. केदारनाथ के लिए रोपवे निर्माण होने के बाद पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का दबाव कम होगा.
मॉनूसन को लेकर अलर्ट मोड़ पर प्रशासन:पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आगामी मॉनसून को देखते हुए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड़ पर रहने को कहा गया है. केदारनाथ पैदल मार्ग के स्लाइड जोन एरिया को चिन्हित कर यहां पहले से ही तैयारियां की जा रही हैं. बरसाती सीजन में यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के साथ ही श्रद्धालुओं को कोई भी परेशानी नहीं होने दी जाएगी. इसके अलावा केदारनाथ और बदरीनाथ हाईवे पर भी सुरक्षा जवानों के साथ मशीनें तैनात करने को लेकर कहा गया है. उन्होंने कहा कि मॉनसून सीजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं.
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