रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन जहां राज्य के युवाओं को छलने का सरकार पर आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने प्रदर्शन किया तो जवाब देने के लिए आगे आए राज्य के श्रम और उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता. विधानसभा के बाहर भाजपा विधायकों के प्रदर्शन पर चुटकी लेते हुए मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि जिन लोगों ने 2014 से 2019 तक रघुवर दास की सरकार में सिर्फ हाथी उड़ाने का काम किया है, वह आज युवाओं के हितैषी बनने का ढोंग रच रहे हैं.
मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि हाथी उड़ाते उड़ाते ये लोग खुद ही उड़ गए. 65 पार का नारा देने वाली पार्टी 2019 विधानसभा चुनाव में 25 पर सिमट गई थी. यही हाल रहा तो 2024 में 25 पर भी मुश्किल है. सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि झूठे भाषण, झूठे आश्वासन और झूठे राशन देने की बात कहने वालों को जनता पहचान चुकी है और चुनाव में उन्हें सबक सिखाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि कल महागठबंधन सरकार की बजट राज्य की जनता का बजट होगा और ऐसा बजट होगा, जिससे राज्य विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर होगा.
सभी लंबित प्रतियोगी परीक्षा 15 दिन में लिए जाएः डॉ इरफान अंसारी
वहीं जामताड़ा ने कांग्रेसी विधायक डॉ इरफान अंसारी ने भाजपा द्वारा जेएसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को गलत बताया. उन्होंने कहा कि एसआईटी पूरे मामले की तेजी से जांच कर रही है और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उनका मानना है कि सभी लंबित प्रतियोगी परीक्षा को सरकार 15 दिन में आयोजित कराए और यह भी सुनिश्चित करे कि रिजल्ट भी एक पखवाड़े में घोषित करने हो जाए. कांग्रेस विधायक ने कहा कि उनकी इस मांग का समर्थन भाजपा को करना चाहिए न कि सीबीआई जांच की.
इरफान अंसारी ने कहा कि सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपने से जेएसएससी के अभ्यर्थियों का भविष्य खतरे में पड़ जायेगा. क्योंकि सीबीआई को मामला सौंपते ही कम से कम दो साल लगेगा तो क्या तब तक हम अपने युवाओं का भविष्य खतरे में डाल दें. वहीं इरफान अंसारी ने राज्य में शिक्षा के इस्लामीकरण वाले सोशल मीडिया पर किये पोस्ट की निंदा करते हुए कहा कि बाबूलाल जैसे कद वाले नेता से इसकी उम्मीद नहीं की जा सकती है.