अयोध्या : राम नगरी अयोध्या के भागवताचार्य स्मारक सदन में परंपरागत रूप से 30 सितंबर से प्रारंभ हो रही सबसे प्राचीन रामलीला का भी आस्था और संस्कार चैनल पर लाइव प्रसारण किया जाएगा. बुधवार को संत श्री तुलसीदास रामलीला समिति के द्वारा रामलीला के आयोजन को लेकर संतों की बैठक सम्पन्न हुई. जिसमें रामायण के प्रसंग पर अयोध्या के ही कलाकारों के द्वारा 30 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर को श्री राम राज्याभिषेक तक का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा. इस वर्ष होने वाली रामलीला में रोजाना कोई न कोई संत किसी न किसी पात्र में नजर आएंगे.
रामलीला का मंचन |
30 सितंबर को नारद मोह, रावण जन्म |
1 अक्टूबर को श्रीराम जन्म, मुनि आगमन |
2 अक्टूबर को फुलवारी लीला, नगर दर्शन |
3 अक्टूबर को धनुष यज्ञ, परशुराम लक्ष्मण संवाद |
4 अक्टूबर को सीताराम विवाह महोत्सव, श्री राम कलेवा |
5 अक्टूबर को कैकई कोप भवन, वन गमन लीला |
6 अक्टूबर को निषाद मिलन, दशरथ मरण, चित्रकूट |
7 अक्टूबर को नककटैया, सीता हरण, सुग्रीव मिताई |
8 अक्टूबर को बालि वध, लंका दहन |
9 अक्टूबर को विभीषण शरणागति, सेतुबंध |
10 अक्टूबर को अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति |
11 अक्टूबर को कुंभकरण, मेघनाथ वध, सुलोचना सती |
12 अक्टूबर को अहिरावण वध, रावण वध |
13 अक्टूबर को भारत मिलाप- भव्य शोभायात्रा |
14 अक्टूबर को श्री राम राज्याभिषेक, बंदर विदाई |
फिल्मी सितारों की रामलीला पर संतों की चेतावनी :अयोध्या में फिल्मी सितारों की रामलीला के मंचन को लेकर अयोध्या के साधु संतों में नाराजगी है. संतों का आरोप है कि किरदार निभाने वाले कलाकारों के मन में किसी प्रकार का भाव नहीं दिखाई देता, हालांकि इस रामलीला के आयोजन को लेकर विरोध नहीं कर रहे, लेकिन लीला का मंचन मर्यादा के अनुकूल होना चाहिए. इसको लेकर संकट मोचन महंत संजय दास ने चेतावनी भी दी है.
'अयोध्या की धरती पर मर्यादित रामलीला का मंचन किया जाना चाहिए' :रामलीला न्यास के कोषाध्यक्ष महंत अवधेश दास ने कहा कि अयोध्या में फिल्मी रामलीला हो रही है, जिसमें फिल्मी कलाकार रामलीला कर रहे हैं. अयोध्या की धरती पर मर्यादित रामलीला का मंचन किया जाना चाहिए, वहीं महंत राघवाचार्य ने कहा कि प्रभु राम की लीला सनातन धर्म और हिंदुओं की परंपरा संस्कृति से अनुसार किया जाना चाहिए. इसमें निभाने वाले पात्र भी उसके अनुरूप रहें. इससे जब मंच पर आयोजन को देख लोगों के मन भाव दिखाई दें. इस दौरान निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत मुरली दास, महंत जन्मेजय शरण, पुजारी हेमंत दास, संकट मोचन सेवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास, राम लखन दास नागा समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
कम नहीं हो रही संतों की नाराजगी :तिरुपति के लड्डू में चर्बी मिलाए जाने के मामले पर संतों की नाराजगी कम नहीं हो रही है. संतों की बैठक के दौरान मंदिरों के गर्भगृह में लगने वाले भोग प्रसाद की शुद्धता और पवित्रता के लिए मंदिर के ही रसोई में तैयार किया जाए और बाहर से आने वाले प्रसाद से भोग नहीं लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया. इसको लेकर जल्द ही अयोध्या के सभी साधु संतों के साथ बड़ी बैठक सभी से सहमति ली जाएगी. बुधवार को संत श्री तुलसीदास रामलीला न्यास की बैठक में संतों ने मठ-मंदिरों के व्यवस्थापकों से अपील की कि बाजार का भोग प्रसाद भगवान को कतई अर्पित न करें. सभी गौ पालन करें और गौदुग्ध से निर्मित प्रसाद भगवान को अर्पित करें.