देहरादूनः कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर भारत में कई राज्यों से श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचते हैं. भले ही इस पूरी यात्रा का फोकस उत्तराखंड ही होता है. लेकिन देवभूमि के तमाम पड़ोसी राज्य भी इस यात्रा का हिस्सा बनते हैं. शायद यही कारण है कि आज देहरादून पुलिस मुख्यालय में कांवड़ यात्रा की तैयारी को लेकर देश के 9 राज्यों की पुलिस ने मंथन किया. इस दौरान उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, और चंडीगढ़ की पुलिस भी बैठक में रही. इतना ही नहीं, सीआरपीएफ और रेलवे सुरक्षा बल के साथ आसूचना ब्यूरो (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के अधिकारी भी इस बैठक से जुड़े.
कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से 2 अगस्त तक होनी है. जिसके लिए उत्तराखंड में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस दौरान पुलिस के सामने ऐसी कई चुनौतियां होती हैं. जिसके लिए काफी पहले से ही पुलिस तैयारी में जुट जाती है. इसमें यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखना, भीड़ प्रबंधन और यातायात प्रबंधन को सुचारू रखना शामिल है. कांवड़ यात्रा उत्तराखंड के साथ ही तमाम पड़ोसी राज्यों को भी प्रभावित करती है. देश के कई राज्यों के श्रद्धालु कांवड़ लेकर उत्तराखंड पहुंचते हैं. ऐसे में विभिन्न राज्यों के आपसी समन्वय को लेकर विशेष तौर पर फोकस किया जाता है.
कांवड़ यात्रा के दौरान पिछले 15 से 20 सालों में कांवड़ियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. इसके लिए कांवड़ क्षेत्र को 15 सुपर जोन, 36 जोन और 130 सेक्टर में बांटा गया है. जिसमें करीब 7 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.
खास बात यह है कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे को लेकर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने अस्पताल और स्कूल क्षेत्र के आस पास शोर शराबे को नियंत्रित करने की बात जरूर कही है. यही स्थिति उत्तर प्रदेश में भी रहेगी और यहां भी डीजे पर प्रतिबंध नहीं होगा. हालांकि, यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी उपद्रवी या शरारती तत्वों से सख्ती के साथ निपटने का निर्णय लिया गया है.