मेरठ : मेरठ जिले में अब इस शहर से एक ऐसी शुरुआत होने जा रही है, जो अब तक प्रदेश में कहीं नहीं हुई. मेरठ नगर निगम क्षेत्र में अब शहर को साफ सुथरा बनाने के लक्ष्य के साथ यहां गोबर का भी निस्तारण नगर निगम करेगा. इससे नगर निगम की इनकम जेनरेट होगी. वहीं गंदगी पर रोक लगेगी, गंदगी से पनपने वाले रोगों से भी नागरिक सुरक्षित रह सकेंगे.
पश्चिमी यूपी का मेरठ शहर जहां 90 वार्ड हैं. दिल्ली के निकट एनसीआर का प्रमुख शहर भी है. यहां नगर आयुक्त और मेरठ नगर के महापौर के द्वारा शहर को गंदगी से निजात दिलाने की खास योजना बनाई है और अब इस पर अमल भी करने जा रहे हैं. जो प्लानिंग बनाई गई है उसे अमलीजामा भी अब पहनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है. दावा किया जा रहा है कि डेयरियों से नालियों में गोबर बहना बंद हो जाएगा. अब इस गोबर को नगर निगम उठाएगा. साथ ही इसकी एवज में नगर निगम न्यूनतम रकम भी डेयरी संचालकों से वसूलेगा.
नगर आयुक्त सौरभ गंगवार बताते हैं कि कई बार कवायद की जा चुकी हैं कि शहर से डेयरियों को बाहर किया जाए, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी. अब नगर निगम डेयरी संचालकों से प्रति पशु 10 रुपये प्रतिदिन की दर से गोबर उठाने का शुल्क वसूलेगा. नगर आयुक्त सौरभ गंगवार का कहना है कि मेरठ में गोबर गैस प्लांट, बायो गैस प्लांट लगाने को कवायद भी हुई हैं.
मेरठ के मेयर हरिकांत अहलुवालिया ने बताया कि नगर निगम मेरठ उत्तर प्रदेश का पहला डोर टू डोर गोबर संग्रह करने वाला निगम बनने जा रहा है. काफी समय पूर्व से शहर को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से नगर निगम प्रयास कर रहा था. जिससे उतनी सफलता नहीं मिल रही थी. मेरठ में डोर-टू-डोर गोबर संग्रहण एवं निस्तारण अभियान की शुरुआत कर दी गई है. मेयर ने बताया कि शुरुआत में कुछ वार्ड में इसकी शुरुआत कर रहे हैं.