नई दिल्ली/गाजियाबाद:एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने शनिवार को गाजियाबाद के दुहाई स्थित आरआरटीएस डिपो में मेरठ मेट्रो की आधुनिक, ट्रेन इंटीरियर और यात्री केंद्रित सुविधाओं का अनावरण किया. मेरठ मेट्रो, मेरठ मे क्रियान्वित किया जा रहा एक शहरी मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है, जिसका लक्ष्य उत्तर प्रदेश में मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तेज और आधुनिक गतिशील परिवहन समाधान प्रदान करना है.
शलभ गोयल ने बताया मेरठ मेट्रो, शहर के परिवहन परिदृश्य में क्रांति लेकर आएगी तथा लोगों के लिए कनेक्टिविटी, उत्पादकता और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाएगी. यह एक आधुनिक, विश्वसनीय और तेज ट्रांजिट सिस्टम होगा, जो यात्रा के समय और भीड़-भाड़ को कम करेगा. साथ ही इससे शहर के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. एनसीआरटीसी ने यात्रियों की जरूरतों को समझते हुए यात्रियों के लिए आरामदायक और कुशल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कई विशेषताओं को इसमे समाहित किया है.
मेक इन इंडिया के तहत, मेरठ मेट्रो के ट्रेनसेटों का 100% निर्माण भारत में किया जा रहा हैं. मेसर्स एल्सटॉम (पूर्व में मेसर्स बॉम्बार्डियर) को विनिर्माण अनुबंध दिया गया है, जिसके तहत मेरठ मेट्रो के लिए तीन कोच वाले ट्रेनसेट बनाए जायेंगे. साथ ही इसमें 15 वर्षों तक रोलिंग स्टॉक का रखरखाव भी शामिल होगा.
ट्रेनसेट का निर्माण गुजरात के सावली में किया जा रहा है. इसके अंतर्गत अब तक पांच मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट एनसीआरटीसी को सौंपे जा चुके हैं. मेरठ मेट्रो ट्रेन की डिजाइन गति 135 किमी प्रति घंटा और अधिकतम परिचालन गति 120 किमी प्रति घंटा होगी. स्टेनलेस स्टील से निर्मित, अपने आधुनिक हल्के वजन के डिजाइन के साथ ये ट्रेनसेट ऊर्जा कुशल हैं और रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम से लैस हैं. साथ ही स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) की सुविधा भी इसमे शामिल है.
मेरठ मेट्रो पर एक नजर
- मेरठ मेट्रो ट्रेन एयर कंडीशंड है, जिसमें यात्रियों के लिए लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, यूएसबी मोबाइल चार्जिंग सुविधाएं, डायनामिक रूट मैप आदि आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं.
- मेरठ मेट्रो में तीन कोच हैं, जिनमें आरामदायक कुशन वाली सीटें हैं, जो 2x2 ट्रांसवर्स और लॉन्गिट्यूडनल रूप से व्यवस्थित हैं. ट्रेन में यात्रियों के बैठने के लिए 173 सीटें हैं और ट्रेन में कुल 700 से अधिक यात्री यात्रा कर सकते हैं.
- यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी मेट्रो स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे, जो भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद करेंगे.
- ट्रेन के सभी दरवाजों पर पुश बटन होंगे, जिनके माध्यम से चुनिंदा दरवाजे खोलने की सुविधा मिलेगी और इससे ऊर्जा की खपत में भी कमी आएगी.
- ट्रेन में पैसेंजर इमेर्जेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसे सुरक्षा उपकरण भी इंटिग्रेटेड हैं.
- मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक कोच में महिला यात्रियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशिष्ट रूप से आरक्षित सीटों की व्यवस्था होगी.
- ट्रेन में मेडिकल स्ट्रेचर/व्हीलचेयर के लिए भी स्थान दिया गया है. वहीं मेट्रो स्टेशनों में मेडिकल स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के आवागमन के लिए बड़ी लिफ्ट्स की सुविधा उपलब्ध होगी.
- मेरठ मेट्रो, मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक आरआरटीएस के बुनियादी ढांचे पर ही संचालित होगी. मेरठ में चार स्टेशनों, मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम पर यात्रियों के लिए नमो भारत ट्रेन सेवाएं उपलब्ध होंगी, जहां यात्री मेरठ मेट्रो से नमो भारत और नमो भारत से मेट्रो में आसानी से स्विच कर सकेंगे.