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गंगा एक्सप्रेस-वे के विस्तार के साथ बढ़ेगी रोजगार की रफ्तार, इंडस्ट्रियल काॅरिडोर भी होगा विकसित - MEERUT GANGA EXPRESSWAY

सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट पर तीव्र गति से चल रहा काम. हरिद्वार, प्रयागराज और काशी की घटेगी दूरी.

गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण.
गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 12:57 PM IST

Updated : Feb 21, 2025, 5:47 PM IST

मेरठ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गंगा एक्सप्रेस-वे के विस्तार पर काम चल रहा है. योगी सरकार के नए बजट में गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तार को लेकर भी घोषणाएं हुई हैं. अब तक मेरठ-प्रयागराज के बीच निर्माणाधीन 594 किलोमीटर के एक्सप्रेस-वे पर युद्ध स्तर पर कार्य जारी हैं. नए बजट में एक्सप्रेस-वे के विस्तार से काशी, प्रयागराज और हरिद्वार के बीच की दूरी घटेगी.

मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले एक्सप्रेस-वे के बीच में 12 जिलों के कुल 518 गांव हैं. वर्तमान में यह छह लेन में तैयार हो रहा है. दावा यह किया जा रहा है कि इसके बाद पूरब से पश्चिम की दूरी घट जाएगी और महज लगभग 6 घंटे में दूरी तय की जा सकेगी. इस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार चलाई जा सकेगी. इसके साथ ही इस एक्सप्रेस-वे के जरिए उत्तराखंड के हरिद्वार से बिहार तक कनेक्टीविटी हो जाएगी.

देखें ; गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण व विस्तार पर ईटीवी भारत की खास खबर. (Video Credit : ETV Bharat)

पहले चरण में 'गंगा एक्सप्रेसवे' मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा. इसके विस्तार के लिए बजट का प्रावधान होने के बाद प्रयागराज से आगे मिर्जापुर की ओर विस्तार तो वहीं मेरठ से हरिद्वार तक इसके विस्तार को लेकर बजट में प्रावधान किया गया है. दूसरा चरण में गंगा एक्सप्रेस-वे 350 किलोमीटर का और बढ़ेगा.

इसके बाद एक्सप्रेस-वे लगभग 950 किलोमीटर हो जाएगा. ऐसे में यह प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बन जाएगा. गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद जिन-जिन क्षेत्रों से ये गुजरने वाला है वहां का विकास तो तेजी से होगा ही, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनने के बाद उद्योग भी लगेंगे. जिससे लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे. जाहिर है जब रोजगार मिलेगा तो तय है कि इससे प्रदेश की जीडीपी में भी इजाफा भी होगा.

गंगा एक्सप्रेस वे की खासियत. (Photo Credit : ETV Bharat)

विस्तार के बाद एक तरफ उत्तराखंड तक तो दूसरी तरफ बिहार तक के यात्रियों को इस रूट पर जाने के लिए यह बेहद ही मुफीद रहने वाला है. साथ ही मेरठ से रिंग रोड के प्लान को लेकर भी शासन और खुद मेरठ के प्रशासनिक अधिकारी जल्द ही एक अहम मीटिंग करने जा रहे हैं. जिससे पूरब से ही नहीं, बल्कि बिहार से भी सिर्फ सड़क मार्ग से राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा भी की जा सकेगी, समय भी बचेगा.

'गंगा एक्सप्रेस-वे' के निर्माण के कुल बजट की बात करें तो लगभग 56 हजार करोड़ रुपये का है. इसमें पहले चरण की कुल निर्माण लागत 37 हजार 350 करोड़ रुपये अनुमानित है. जिसमें से लगभग 9 हजार 500 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च हुआ है.

गंगा एक्सप्रेस वे की खासियत. (Photo Credit : ETV Bharat)

कुंभ से पहले इसका काम पूरा करने का लक्ष्य था लेकिन, अभी तक पूरा नहीं हो सका है. मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्‍सप्रेस-वे का निर्माण चल रहा है तो ऐसे में यूपीडा भी ओधोगिक गलियारे को लेकर लगातार एक प्लान बनाकर काम कर रहा है.

एक्सप्रेस-वे के औद्योगिक गलियारे में दिलचस्पी दिखाते हुए जापान की एक कंपनी सुमितोमो कॉरपोरेशन की टीम गुरुवार को मेरठ जिले में प्रोजेक्ट का जायजा लेने पहुंची थी. जब टीम दौरे पर आई तो उस समय यूपीडा और प्रशासन की टीम भी साथ रहे.

इस बारे में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी (भूमि) चूनकू राम पटेल ने बताया कि बेहतर कल के लिए सरकार प्रयासरत है. हम देश के बाहर के प्रतिनिधियों को भी अवगत करा रहे हैं कि गंगा एक्सप्रेस-वे के पास न सिर्फ बिजनेस के उद्देश्य से बल्कि आने वाले कल के लिए भी यह क्षेत्र बेहद ही अहम हो जाएगा.

गंगा एक्सप्रेस वे की खासियत. (Photo Credit : ETV Bharat)

वरिष्ठ पत्रकार हरिशंकर जोशी का कहना है कि कुंभ से पहले प्रोजेक्ट पूरा होने का दावा किया गया था. लेकिन, ऐसा हो नहीं पाया. हालांकि यह कहा जा सकता है कि क्योंकि सीएम खुद इस प्रोजेक्ट में रुचि ले रहे हैं तो संभव है 2027 तक कम से कम मेरठ से प्रयागराज तक का काम पूरा हो जाएगा.

वरिष्ठ पत्रकार सादाब रिजवी का कहना है कि जिस तरह से इसका विस्तारीकरण करने का निर्णय लिया गया है. साथ में जो औद्योगिक गालियारा बनना है इसके बाद तो रोजगारों की भी कमी नहीं रहेगी.

मशीनों के साथ कार्य करते कर्मचारी (Photo Credit; ETV Bharat)

गंगा एक्सप्रेस-वे से बढ़ेगी रोजगार की रफ्तार:मेरठ एडीएम प्रशासन बलराम बताते हैं कि मेरठ में गंगा एक्सप्रेस-वे हजारों लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार लेकर आया है. मेरठ गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे जल्द ही प्रदेश का पहला 500 एकड़ भूमि पर औद्योगिक कॉरिडोर का निर्माण होगा. जापान की एक कंपनी ने एक्सप्रेस-वे के किनारे निरीक्षण भी किया है. कंपनी के प्रतिनिधि अपनी इकाई के लिए यहां जानकारी करने आए थे. अभी जमीन तलाश की गई है.

अपर जिला अधिकारी प्रशासन बलराम सिंह ने बताया कि एक्सप्रेस-वे के किनारे इंडस्ट्रियल पार्क 500 एकड़ में लगाने के लिए जापान से एक कॉरपोरेशन कंपनी के जो लोग आए थे, उनकी बहुत सारी शंकाएं थीं. संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ हर विषय पर जापान के डेलिगेट ने जानकारी जुटाई है.

उन्हें अवगत कराया गया है कि यह क्षेत्र पूरी तरह से उपयुक्त है. बिजली, सीवर, सड़क, वेस्ट डिस्पोजल जैसी तमाम शंकाएं दूर कर दी गई हैं. फिलहाल जापानी डेलीगेशन पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रहा है. इंडस्ट्रियल कॉरिडोर मेरठ के बिजौली और खरखौदा गांव के पास बनेंगे.

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Last Updated : Feb 21, 2025, 5:47 PM IST

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