मेरठ: गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के शूटर्स के फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में मेरठ के 2 सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है. दोनों की सरकारी काम मे लापरवाही साबित होने के बाद एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कार्रवाई की है. मेरठ के पते पर बनवाए गए पासपोर्ट पर ही लॉरेंस के दोनों गुर्गे दुबई गए थे.
गुजरात की साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे श्रीडूंगरगढ़ बीकानेर राजस्थान निवासी राहुल कुमार और महेंद्र कुमार के खिलाफ करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगे जाने का मुकदमा दर्ज हुआ था. राहुल और महेंद्र के पीछे बीकानेर क्राइम ब्रांच लगी थी तो दोनों आरोपी फर्जी पासपोर्ट बनवाकर दुबई भाग गए.
जांच में सामने आया कि दोनों के पासपोर्ट कंकरखेड़ा श्रद्धापुरी के पते पर बनवाए गए थे. बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ थाना पुलिस ने इस मामले में कंकरखेड़ा के सुभाषपुरी में साइबर कैफे और गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस के पास कैफे चलाने वाले राजू को गिरफ्तार किया था.
राजू ने बताया कि उसने ही दोनों के श्रद्धापुरी के फर्जी पते पर फर्जी आधार कार्ड समेत कई अन्य दस्तावेज बनवाए थे. इसके बाद उसने दोनों के तत्काल पासपोर्ट का आवेदन कर दिया. लॉरेंस के दोनों गुर्गे अप्रैल में मेरठ पहुंचे थे और सात दिन तक रहे. दोनों को राजू वैद्य ने ही रुकवाया था.
इन सात दिनों में राजू ने उनके फर्जी कागजात तैयार कर दिए. इसके बाद पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया. कागजों के वेरिफिकेशन के लिए जब पुलिस के पास मामला गया तो कंकरखेड़ा पुलिस ने बिना मौके पर जाए दोनों की रिपोर्ट का वैरीफिकेशन कर दिया.
इसके चलते दोनों गुर्गों को तत्काल में तीन-चार दिन में पासपोर्ट मिल गया. पासपोर्ट मिलते ही दोनों दुबई भाग गए. सुबूत जुटाने के लिए श्रीडूंगरगढ़ पुलिस ने राजू को तीन दिन की रिमांड पर लिया. इसके बाद पुलिस ने कंकरखेड़ा थाने से लगाई गई रिपोर्ट और फर्जी दस्तावेजों एकत्र किया. राजू के गाजियाबाद ऑफिस में कंप्यूटर से भी दस्तावेज एकत्र किए गए.
लॉरेंस बिश्नोई के कई दूसरे गुर्गे भी अपराध को अंजाम देकर विदेश भाग चुके हैं. उत्तराखंड का राहुल सरकार बड़ी संख्या में फर्जी पासपोर्ट बनवाता था. उसके गिरफ्तार होने के बाद लॉरेंस के गुर्गों ने राजू वैद्य से संपर्क कर लिया था. राजू की गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस में भी गहरी पैठ थी. राजू थानों में पैसे देकर फर्जी पतों वाली रिपोर्ट को भी लगवा देता था.
इसके अलावा पासपोर्ट ऑफिस में उसकी सेटिंग भी इतनी जबरदस्त थी कि फर्जी दस्तावेजों पर आवेदन किए गए पासपोर्ट वह बहुत कम समय में बनवा देता था.
जांच में पता चला कि लॉरेंस के गुर्गों ने जिस पते पर पासपोर्ट का आवेदन किया था, दरअसल वो पता कहीं था ही नहीं.
सत्यापान के लिए कागज जब कंकरखेड़ा पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने भी मौके पर जाना मुनासिब नहीं समझा. मौके पर जाए बिना ही पुलिस ने आंख मूंदकर रिपोर्ट लगा दी. इस पूरे मामले में सिपाही संदेश शर्मा और धीरज की लापरवाही सामने आई.
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने दोनों के खिलाफ जांच बिठा दी थी. रिपोर्ट में दोनों के खिलाफ सुबूत मिलने पर एसएसपी ने दोनों को सस्पेंड कर दिया. एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि प्रीतम सिंह बदमाश लॉरेंस विश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है, जो वांछित चल रहा था. जिसका पासपोर्ट वेरिफाई कराया गया था. जांच में पाया गया है कि पास्पोर्ट बिना एड्रेस के बनाया गया था. जांच में कान्स्टेबल दोषी पाए गए. दोनों को सस्पेंड कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
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