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मेरठ के एसिड सर्वाइवर्स की कहानी; पांच लोगों ने सेकेण्ड इनिंग कैफे से खुद को बनाया आत्मनिर्भर - Meerut News

Meerut Acid Survivors Struggle Story: मेरठ के एसिड सर्वाइवर्स अपने बुरे दिनों को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत की है. एसिड सर्वाइवर्स ने अपना एक कैफे खोला और आज आत्मनिर्भर बन गई हैं. आईए जानते हैं उनके संघर्ष की कहानी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 12:48 PM IST

Updated : Feb 22, 2024, 1:13 PM IST

मेरठ के एसिड अटैक सर्वाइवर के संघर्ष पर संवाददाता श्रीपाल तेवतिया की खास रिपोर्ट.

मेरठ: यूपी के मेरठ जिले में पांच एसिड सर्वाइवर्स ने अपनी तकलीफ को नजरअंदाज करके नई शुरुआत की है. इन्होंने एसिड अटैक का शिकार होने के बाद तमाम बाधाओं के बावजूद कुछ अलग करने का जोश और जुनून कम नहीं होने दिया. अब सेकेंड इनिंग नाम से मेरठ की तहसील में एक कैफे स्टार्ट किया है, जहां पर सभी पूरी मेहनत से दिनभर लोगों को चाय पकौड़ी समेत अन्य फूड आइटम उपलब्ध कराते हैं.

एसिड सर्वाइवर्स ने ईटीवी भारत को बताया कि एक जैसी सोच के साथ यह निर्णय लिया है. ये सभी उस दौरान मिले जब अपने साथ हुई घटना के बाद अस्पताल में इलाज चल रहा था. हार न मानकर आत्मनिर्भर बनने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर सेकेंड इनिंग कैफे का संचालन करने की योजना पर काम शुरू किया. ये लोग बताते हैं कि बहुत लोग ऐसे मिले जिन्होंने हौसला बढ़ाया. हालांकि जो दर्द दूसरों ने उन्हें दिया उसे तो भुलाया ही नहीं जा सकता.

Meerut Acid Survivors Story

एसिड अटैक सर्वाइवर शाहनवाज ने बताया कि उनके घर में किराएदार रहता था. उसने ही उन पर एसिड डाला था. कई सर्जरी उनकी हुईं. कई साल तक उपचार चला, वे तिल तिलकर मरे, परेशान रहे तड़पते रहे. उपचार के दौरान ही सभी सम्पर्क में आए, फिर प्लान किया कि क्यों ने खुद के पैरों पर खडे़ होकर दिखा दें.

शिवानी त्यागी बताती हैं कि उनके ऊपर 2018 में जब एसिड अटैक हुआ था तो वो एक स्कूल में टीचिंग कर रहीं थीं. स्कूल के मालिक की नजर खराब थी, वो उनसे ऐसी अपेक्षा करते थे जिसके लिए वह तैयार नहीं थीं. जब उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो स्कूल छोड़ दिया, जॉब बदल दी. एक दिन ड्यूटी करके अपने घर जा रही थीं. तभी कुछ युवकों ने बाइक से पीछा करके एसिड डाल दिया. उनकी 25 सर्जरी हुईं, 3 साल बिस्तर पर रहीं. कोर्ट केस चला जो अपराधी थे सभी को उम्र कैद हुई. अब वह संतुष्ट हैं कि अपने साथियों के साथ मिलकर आत्मनिर्भर बन रही हैं.

Meerut Acid Survivors Story

गीता देवी भी मेरठ की ही हैं, वे मैरिड थीं. उनकी चाय की दुकान पर एक लड़का आता था, उनकी एक बच्ची थी, उस युवक ने उनके साथ रिश्ता बनाना चाहा. उन्होंने इनकार कर दिया. जिस पर उसने एसिड डाल दिया. इलाज के बाद घर से बाहर निकलना छोड़ दिया था. लेकिन कुछ अच्छे सहयोग करने वाले मिले. उसके बाद मिलकर अपनी मंजिल फिर से तय करने का निर्णय लिया. वह कहती हैं कि ऐसी घटना किसी की भी जिंदगी बदल देती है.

Meerut Acid Survivors Story

फिलहाल सभी मिलकर अब अपनी आजीविका चला रहे हैं. सरकार की तरफ से मदद मिली थी. जिलाधिकारी से मुलाकात की तो उन्होंने हौसला बढ़ाया. अब वे भी पॉजिटिव सोच के साथ अब आगे बढ़ रहे हैं. इसी वर्ष छह जनवरी को उन्होंने अपना कैफेटेरिया खोला है. सभी ने बताया कि इस कैफेटेरिया का नाम सेकेंड इनिंग इसलिए रखा, क्योंकि ये उनके जीवन की दूसरी पारी है.

Meerut Acid Survivors Story

चार महिला समेत 1 पुरुष एसिड अटैक सर्वाइवर भी इस टीम का हिस्सा हैं. क्रमबद्ध ढंग से इसका संचालन सभी करते हैं. पूरा प्लान इस तरह किया है कि सभी को आपस में आराम भी मिलता रहे और काम भी न रुके. आने वाले ग्राहकों का कहना है कि इनकी मेहनत और अपने काम के प्रति समर्पण को देखकर उन्हें प्रेरणा मिलती है.

Meerut Acid Survivors Story

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Last Updated : Feb 22, 2024, 1:13 PM IST

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