प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश के बावजूद अब भी हस्तलिखित पोस्टमार्टम व मेडिकल जांच रिपोर्ट आने पर नाराजगी जताई है. साथ ही कहा कि मेडिकल जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट को कम्प्यूटरीकृत करने की जवाबदेही डॉक्टरों व स्टाफ के अलावा सीएमओ व सीएमएस की भी है. महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने शासनादेश जारी कर इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है.
इसके बाद भी इसके बावजूद अब भी हस्तलिखित पोस्टमार्टम व मेडिकल जांच रिपोर्ट आ रही है. कोर्ट सुनवाई के दौरान महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रत्नपाल सिंह सुमन व अपर शासकीय अधिवक्ता दीपक मिश्र के इस मामले में सहयोग की सराहना की और महानिदेशक को इसे पूरे प्रदेश में कड़ाई से लागू करने का एक और अवसर दिया है. कोर्ट ने पीलीभीत के करेली थाने में दर्ज पॉक्सो एक्ट व रेप के नाबालिग आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है.
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है. वसीम बनाम राज्य केस में अपर मुख्य सचिव गृह ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि मेडिकल जांच, चोट व पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब कम्प्यूटर से टाइप होगी. इसका पालन नहीं किया जा रहा है और करेली थाने इस मामले में हस्तलिखित रिपोर्ट दाखिल की गई, जो पठनीय नहीं है. कोर्ट ने इसे न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप माना और अपर मुख्य सचिव गृह, डीजीपी व डायरेक्टर जनरल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा कि कोर्ट को दिए गए आश्वासन का अनुपालन क्यों नहीं किया जा रहा है.