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दिल्ली के मदनगीर सेंट्रल मार्केट में चला एमसीडी का बुलडोजर, 100 दुकानों को किया ध्वस्त - encroachment in Madangir Market - ENCROACHMENT IN MADANGIR MARKET

दक्षिणी दिल्ली के मदनगीर सेंट्रल मार्केट में अवैध रूप से बनी करीब 50 से 100 दुकानों को एमसीडी ने ध्वस्त कर दिया. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. जिन लोगों की दुकानों को तोड़ा गया है, उनमें से ज्यादातर लोगों ने पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोन लिया था. अब दुकान टूट जाने के बाद उनके सामने लोन भरने का संकट पैदा हो गया है.

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अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 31, 2024, 3:49 PM IST

अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर (ETV Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली के राजेंद्र नगर हादसे के बाद एमसीडी एक्शन मोड में नजर आ रही है. नियमों का उल्लंघन करके चला रहे कोचिंग सेंटरों को एमसीडी की तरफ से सील किया जा रहा है. साथ ही अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी दिल्ली नगर निगम का बुलडोजर चल रहा है. ताजा मामला दक्षिणी दिल्ली स्थित मदनगीर सेंट्रल मार्केट का है. जहां एमसीडी के बुलडोजर ने सेंट्रल मार्केट में अवैध रूप से बनी करीब 50 से 100 दुकानों को ध्वस्त कर दिया. अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था.

स्थानीय दुकानदारों ने कहा कि हम बीते कई वर्षों से यहां दुकान लगा रहे हैं. हमारा बचपन यहीं पर गुजारा है, बिना नोटिस के हमारी दुकानों को तोड़ना यह तानाशाही रवैया है. इस बुलडोजर की कार्रवाई में मदनगीर सब्जी मंडी में बनी दर्जनों दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है. यह सब्जी मंडी 1972 से चल रही है. एक दुकानदार साबिर अली ने बताया कि यह गरीबों पर अत्याचार है. हम करोड़पति बनने की इच्छा नहीं रखते हैं. हम सिर्फ अपनी इस दुकान से अपने परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था चाहते हैं.

कहा कि हमारी दुकान को तोड़ दिया गया है. हिटलर की तरह तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है. नेताओं की खींचातानी में हम लोग पीस रहे हैं. हमारे दुकान दोबारा बनवाए जाए और हमें यहां दुकान लगाने की परमिशन दी जाए. उन्होंने कहा कि हमे प्रधानमंत्री योजना के तहत लोन भी दिया गया था. जिसका में हर महीने किस्त भरता हूं. अब मैं बिना दुकान के इस लोन को कैसे चुकाऊंगा.

वहीं, दुकानदार शानू ने कहा कि हमारे साथ यह बहुत बुरा हुआ है. दुकान टूट जाने के बाद अब हम कैसे बच्चों को पालेंगे और लोन कैसे चुकाएंगे. उन्होंने कहा कि हमें यहां दोबारा दुकान लगाने की इजाजत दी जाए. ताकि हम अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें. हमने 50 हजार का लोन लिया था. अब लोन चुकाने का संकट पैदा है गया है.

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