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JNU के आठवें दीक्षांत समारोह में 2721 छात्र छात्राओं को प्रदान की गईं डिग्रियां, 798 पीएचडी डिग्री शामिल - JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY

इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ रहे समारोह के मुख्य अतिथि, छात्र छात्राओं को दी टीम में काम करने की सलाह

JNU का आठवें दीक्षांत समारोह
JNU का आठवें दीक्षांत समारोह (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 6, 2025, 9:22 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का आठवां अध्यक्षण समारोह आयोजित किया गया. आई एक्ट के प्रजना भवन में आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर श्रीधर पणिकर सोमनाथ ने कहा कि ब्रह्मांड विशाल है, लेकिन मानव क्षमता भी उतनी ही विशाल है.

छात्रों को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने नवाचार ( इनोवेशन) के महत्व पर भी प्रकाश डाला और ध्यान दिलाया कि चंद्रयान 3 की सफलता में यह कितना महत्वपूर्ण था. दीक्षांत समारोह में कुल 2,721 छात्र छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं. इनमें से 798 पीएचडी, 1,310 मास्टर्स, 364 स्नातक, 109 सर्टिफिकेट कार्यक्रम, 30 डिप्लोमा, 80 ड्यूल डिग्री, 15 इंटीग्रेटेड बीएससी-एमएससी, 13 एडवांस डिप्लोमा और दो पीजी डिप्लोमा में दी गईं डिग्रियां शामिल थीं. दी गई कुल पीएचडी डिग्रियों में से 408 महिलाओं को और 390 पुरुषों को प्रदान की गईं. इस तरह जेएनयू से पीएचडी करने के मामले में इस बार फिर से छात्राएं अव्वल रहीं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन. (ETV Bharat)

इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ का सुझाव: सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए सोमनाथ ने कहा कि मैं छात्रों को कुछ सुझाव देना चाहूँगा कि जितना हो सके उतना पढ़ें, टीम में काम करना सीखें, अच्छे नेता बनने के लिए सही गुरु चुनें, अच्छा अनुयायी बनें, और जोखिम उठाने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि जब मैं इसरो में शामिल हुआ तो बहुत सारी समस्याएँ और असफलताएँ थीं. हमें हमेशा समुद्र में रॉकेट लॉन्च करने के लिए आलोचना की जाती थी. लेकिन उस समय से लेकर अब तक हमने जो भी नाम कमाया है, वह कई लोगों के योगदान की वजह से है. इसलिए टीम बनाना महत्वपूर्ण है.

इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ
इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ (ETV Bharat)

बदलाव के लिए ज्ञान, जुनून और क्षमता की जरूरत: उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मैं भारत के युवाओं से आधुनिक, वैज्ञानिक अनुसंधान और हमारे देश की ज्ञान परंपराओं के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को देखने का आग्रह करता हूँ. ऐसा करके हम एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं, जो मानव अस्तित्व के भौतिक और आध्यात्मिक दोनों पहलुओं का सम्मान करता है. आपके पास बदलाव लाने के लिए ज्ञान, जुनून और क्षमता है.

JNU को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर मशहूर है: छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि आज आपका दिन है. कृपया अपने माता-पिता, शिक्षकों और कर्मचारियों को धन्यवाद दें, जिन्होंने आपके लिए यह दीक्षांत समारोह संभव बनाया है. जेएनयू राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शोध और शिक्षाविदों के लिए जाना जाता है और हम समावेशिता और विविधता में विश्वास करते हैं.

दिसंबर 2024 तक, विश्वविद्यालय 78 पीएचडी पाठ्यक्रम और 46 मास्टर पाठ्यक्रम चला रहा है. कुल मिलाकर, 153 शैक्षणिक कोर्स पेश किए गए हैं. इनमें से 10 स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए, 11 प्रमाण पत्र, तीन डिप्लोमा, बीटेक/एमटेक/एमएस के लिए दो डुअल डिग्री कोर्स, एक इंटीग्रेटेड बीएससी-एमएससी कोर्स और एक एडवांस डिप्लोमा और एक पीजी डिप्लोमा शामिल है.

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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का आठवां अध्यक्षण समारोह आयोजित किया गया. आई एक्ट के प्रजना भवन में आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर श्रीधर पणिकर सोमनाथ ने कहा कि ब्रह्मांड विशाल है, लेकिन मानव क्षमता भी उतनी ही विशाल है.

छात्रों को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने नवाचार ( इनोवेशन) के महत्व पर भी प्रकाश डाला और ध्यान दिलाया कि चंद्रयान 3 की सफलता में यह कितना महत्वपूर्ण था. दीक्षांत समारोह में कुल 2,721 छात्र छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं. इनमें से 798 पीएचडी, 1,310 मास्टर्स, 364 स्नातक, 109 सर्टिफिकेट कार्यक्रम, 30 डिप्लोमा, 80 ड्यूल डिग्री, 15 इंटीग्रेटेड बीएससी-एमएससी, 13 एडवांस डिप्लोमा और दो पीजी डिप्लोमा में दी गईं डिग्रियां शामिल थीं. दी गई कुल पीएचडी डिग्रियों में से 408 महिलाओं को और 390 पुरुषों को प्रदान की गईं. इस तरह जेएनयू से पीएचडी करने के मामले में इस बार फिर से छात्राएं अव्वल रहीं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन. (ETV Bharat)

इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ का सुझाव: सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए सोमनाथ ने कहा कि मैं छात्रों को कुछ सुझाव देना चाहूँगा कि जितना हो सके उतना पढ़ें, टीम में काम करना सीखें, अच्छे नेता बनने के लिए सही गुरु चुनें, अच्छा अनुयायी बनें, और जोखिम उठाने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि जब मैं इसरो में शामिल हुआ तो बहुत सारी समस्याएँ और असफलताएँ थीं. हमें हमेशा समुद्र में रॉकेट लॉन्च करने के लिए आलोचना की जाती थी. लेकिन उस समय से लेकर अब तक हमने जो भी नाम कमाया है, वह कई लोगों के योगदान की वजह से है. इसलिए टीम बनाना महत्वपूर्ण है.

इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ
इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ (ETV Bharat)

बदलाव के लिए ज्ञान, जुनून और क्षमता की जरूरत: उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मैं भारत के युवाओं से आधुनिक, वैज्ञानिक अनुसंधान और हमारे देश की ज्ञान परंपराओं के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को देखने का आग्रह करता हूँ. ऐसा करके हम एक ऐसा भविष्य बना रहे हैं, जो मानव अस्तित्व के भौतिक और आध्यात्मिक दोनों पहलुओं का सम्मान करता है. आपके पास बदलाव लाने के लिए ज्ञान, जुनून और क्षमता है.

JNU को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर मशहूर है: छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति ने कहा कि आज आपका दिन है. कृपया अपने माता-पिता, शिक्षकों और कर्मचारियों को धन्यवाद दें, जिन्होंने आपके लिए यह दीक्षांत समारोह संभव बनाया है. जेएनयू राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने शोध और शिक्षाविदों के लिए जाना जाता है और हम समावेशिता और विविधता में विश्वास करते हैं.

दिसंबर 2024 तक, विश्वविद्यालय 78 पीएचडी पाठ्यक्रम और 46 मास्टर पाठ्यक्रम चला रहा है. कुल मिलाकर, 153 शैक्षणिक कोर्स पेश किए गए हैं. इनमें से 10 स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए, 11 प्रमाण पत्र, तीन डिप्लोमा, बीटेक/एमटेक/एमएस के लिए दो डुअल डिग्री कोर्स, एक इंटीग्रेटेड बीएससी-एमएससी कोर्स और एक एडवांस डिप्लोमा और एक पीजी डिप्लोमा शामिल है.

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