रामपुर :समाजवादी पार्टी की गुटबाजी सरेआम उजागर हो गई है. जैसे ही समाजवादी पार्टी के जिलाअध्यक्ष अजय सागर ने रामपुर लोकसभा चुनाव की प्रेसवार्ता का बहिष्कार किया, उसके कुछ घंटे बाद ही लगभग रात को 10 बजे समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मशकूर अहमद मुन्ना ने प्रेसवार्ता कर अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने चुनाव के बहिष्कार को गलत ठहराया.
26 मार्च को खरीदे दो नामांकन पत्र :उन्होंने कहा कि 'समाजवादी पार्टी को चंद ठेकेदार नहीं चलाएंगे. रामपुर में लाखों लोग समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं और इस बहिष्कार से उन सबको काफी तकलीफ हुई है. सपा नेता मशकूर अहमद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मांग की है कि वह अच्छे प्रत्याशी को रामपुर में उतारें, नहीं तो मैं ही तैयार हूं.' आपको बता दें मशकूर अहमद मुन्ना ने 26 मार्च को दो नामांकन पत्र खरीदे हैं. एक अपने नाम से और एक अपनी पत्नी शादाब मशहूर के नाम से. समाजवादी पार्टी में गुटबाजी अब खुल के सामने आ गई है. एक गुट चुनाव का बहिष्कार कर रहा है तो दूसरा चुनाव लड़ने को कह कर रहा है.
सपा के जिलाध्यक्ष ने चुनाव का बहिष्कार किया :समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान के आदेश के बाद सपा के जिलाध्यक्ष अजय सागर ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया. साथ ही आजम खान ने जेल से एक लेटर जारी कर अपनी दर्द भरी पीड़ा भी बयां की. कहीं ना कहीं अखिलेश यादव से आजम खान की नाराजगी भी दिखी. आजम खान का जेल से पत्र जारी होने के बाद रामपुर की सियासत में मानो जैसे भूचाल सा आ गया है. समाजवादी पार्टी के नेता मशकूर अहमद मुन्ना ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मांग कि है कि वह यहां पर अच्छे प्रत्याशी का चयन करें और मैं भी चुनाव लड़ने को तैयार हूं. हो सके तो मुझे टिकट दें क्योंकि मेरा भी राजनीतिक सफर काफी लंबा है. चंद लोग समाजवादी पार्टी के ठेकेदार नहीं हो सकते. मशकूर अहमद ने कहा उन्होंने पर्चा भी खरीद लिया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष मुझे टिकट दें, मैं चुनाव लड़ूंगा और यह चुनाव जीत कर उनको तोहफा दूंगा.
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