चंडीगढ़:दिल्ली विधानसभा चुनाव की जंग पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कड़ी देखने को मिल सकती है. क्योंकि इस बार "आप" को कड़ी टक्कर देने के कांग्रेस भी मैदान में पूरी ताकत के साथ उतर रही है. वहीं "आप" को दिल्ली की सत्ता से रोकने के लिए बीजेपी अपना पूरा दमखम लगा रही है. इसके लिए पार्टी ने दिल्ली से सटे हरियाणा के पार्टी नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी है.
दिल्ली के चुनावी दंगल में उतरेंगे बीजेपी के नेता :दिल्ली में विधानसभा के लिए पांच फरवरी को वोटिंग और आठ फरवरी को मतगणना होगी. यह भी एक संयोग है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव भी पांच अक्टूबर को हुए थे, और आठ अक्टूबर को मतगणना हुई थी. वहीं हरियाणा के चुनावी रण को जीतने के बाद बीजेपी इस बार दिल्ली के रण को भी फतह करने के लिए पूरी ताकत से जुटी हुई है. इसके लिए हरियाणा के कई नेताओं को पार्टी मैदान में उतार रही है.
इन बीजेपी नेताओं को मिली जिम्मेदारी : दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने फरीदाबाद से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को दक्षिण दिल्ली जिले की सभी सीटें जीतने की जिम्मेदारी सौंपी है. इसके साथ ही हरियाणा के अन्य नेताओं को भी अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें कैबिनेट मंत्री महिपाल ढांडा को पश्चिमी दिल्ली, कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी को त्रिलोकपुरी, कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार को कुंडली की जिम्मेदारी दी गई है.
इसके साथ ही पूर्व मंत्री असीम गोयल को करोल बाग, पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को मॉडल टाउन, पूर्व मंत्री कमल गुप्ता को चांदनी चौक, पूर्व मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल को नई दिल्ली, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को ग्रेटर कैलाश, पूर्व मंत्री ओपी यादव को बादली, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को देवली, पूर्व मंत्री जेपी दलाल को ब्रिजवासन, पूर्व मंत्री कमलेश ढांडा को पालम पूर्व, विधायक बिशम्बर वाल्मीकि को अंबेडकर नगर की जिम्मेदारी दी गई है.
दिल्ली चुनाव में बीजेपी को जीत की उम्मीद : दिल्ली के चुनाव पर मुख्यमंत्री नायब सिंह कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने जो वादे किए थे, उन्होंने पूरे नहीं किए. विकास की बात करते थे, नशे में लोग धकेल दिए. सुविधाएं देने की बात करते थे, भ्रष्टाचार में लोगों को लगा दिया. अरविंद केजरीवाल अपनी सुविधा की चिंता करते है.
"यमुना साफ करने का वादा भी पूरा नहीं किया" : वे कहते हैं कि यमुना साफ करने का वादा किया था, लेकिन साफ नहीं करवाई जबकि दिल्ली के नाले भी यमुना में धकेल दिए. 8 तारीख को पीएम मोदी के नेतृत्व में बड़े बहुमत के साथ बीजेपी की दिल्ली में सरकार बनेगी. सीएम ने कहा जब पार्टी कहेगी, हम भी दिल्ली प्रचार में जाएंगे. वहीं पांच और आठ तारीख के संयोग पर वे कहते हैं कि चुनाव की तारीख तय करना चुनाव आयोग का काम होता है.
रणबीर गंगवा ने किया करारा प्रहार : इधर दिल्ली चुनाव को लेकर कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा कहते हैं कि दिल्ली में निश्चित तौर पर बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. जिस कांग्रेस के भ्रष्टाचार को उठाकर आम आदमी पार्टी बनी थी और सत्ता में आए थे, अब दिल्ली के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. जिस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से आप बनी, आज उसके खुद के नेता भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं. जेल में जा चुके हैं, जिस कांग्रेस के खिलाफ खड़े हुए थे, उसके साथ उन्होंने लोकसभा चुनाव में हाथ मिलाया. अब फूट पड़ने के बाद अलग-अलग हो गए हैं. आज दिल्ली की हालत हर क्षेत्र में खराब है. इसको देखते हुए दिल्ली की जनता डबल इंजन की सरकार बनाएगी.
क्या हरियाणा के दिग्गजों को मैदान में उतरने से बीजेपी को होगा फायदा ?
इधर दिल्ली चुनावों में बीजेपी के नेताओं की बड़ी संख्या में पार्टी की तरफ से तैनात किए जाने पर राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि हरियाणा दिल्ली से सटा हुआ राज्य है, और बड़ी संख्या में हरियाणा के लोग दिल्ली में रहते हैं. वहीं बीजेपी लगातार तीसरी बार हरियाणा में सरकार बनाने में सफल हुई है. जिसको देखते हुए बीजेपी हरियाणा के नेताओं को दिल्ली चुनाव में तैनात कर रही है. हालांकि अन्य दल जैसे कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रहेगी.
रोचक होगा चुनावी घमासान : वे कहते हैं कि इस बार दिल्ली का चुनावी घमासान भी देखने लायक होगा. क्योंकि 2013 के बाद से लगातार दिल्ली में आप की सरकार रही है. ऐसे में बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ने मजबूती से आप के गढ़ को भेदने की जो रणनीति बनाई है, उसको देखते हुए बीजेपी अपने नेताओं को मैदान में उतार रही है. वे कहते हैं कि हरियाणा के नेताओं का दिल्ली चुनाव में प्रचार करने का फायदा बीजेपी को मिल सकता है, लेकिन कितना इसका आंकलन चुनावी नतीजों से ही पता चलेगा.
इसे भी पढ़ें :मनोहरलाल खट्टर बोले- दिल्ली में इस बार बीजेपी का एज ऊपर, बन सकती है सरकार