गिरिडीह:जिले के स्ट्रांग रूम से ही मैट्रिक का पेपर चोरी हुई और फिर इसे वायरल किया गया. बताया जाता है कि अपनी गर्लफ्रेंड को खुश करने के लिए कमलेश ने यह सब किया लेकिन पेपर लेकर जब वह अपने साथियों के साथ कमरे के अंदर गया तो उसकी नियत ही बदल गई. पेपर के बदले कुछ पैसे कमाने का ख्याल जेहन में आया तो प्रश्न पत्र को बेच डाला. तीन सौ से लेकर तीन हजार रुपये तक में प्रश्न बेचने की बात कोडरमा पुलिस की जांच में अभी तक सामने आई है.
संवाददाता अमरनाथ सिन्हा की रिपोर्ट (ETV BHARAT) यह भी साफ हुआ है कि गिरफ्तार लोगों ने पेपर के बदले पैसे लिया भी था. कोडरमा पुलिस मंगलवार को गिरिडीह से गिरफ्तार मास्टरमाइंड समेत छह लोगों के खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है. इससे पहले भी कोडरमा समेत अन्य स्थानों पर छापेमारी, जिसमें कई गिरफ्तार हुए. अब सारा सवाल गिरिडीह में बनाए गए स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था, प्रश्नपत्र को भारी मालवाहकों से उतार कर रखने वाले अधिकारी-कर्मी तथा पुलिस बल की सतर्कता पर उठने लगा है.
गिरफ्तार आरोपी को ले जाते पुलिस (ETV BHARAT) 50 कदम के लिए ई रिक्शा
सवाल कई है, जिसका जवाब सभी तलाश रहे हैं. चूंकि जिस भवन में स्ट्रांग रूम बनाया गया था उसकी सुरक्षा व्यवस्था तो पूरी तरह लचर है. भवन के कैम्पस का मुख्य गेट ही टूटा हुआ है. गेट के सामने से गुजरी नाली पर भी टूटा हुआ स्लैब रखा हुआ है. 7 फरवरी को जब ट्रक के माध्यम से प्रश्नपत्र आया तो साइज में छोटा दो ट्रक अंदर दाखिल हो गया. जबकि 14 चक्का ट्रक मुख्य गेट के बाहर सड़क पर खड़ी रही. फिर मजदूरों को लगाया गया और टोटो (ई रिक्शा) का इस्तेमाल किया गया.
इसी भवन में बनाया गया था स्ट्रांग रूम (ETV BHARAT) टोटो पर प्रश्न पत्र लोड किया गया, फिर उसे नगर निगम के शहरी आजीविका केंद्र के एक दो तल्ले भवन के उपरी तल्ले पर बनाए गये वज्र गृह में रखा गया. जब खुलासा होने के बाद यहां का जायजा लिया गया तो पता चला कि मुख्य गेट से भवन की दूरी महज 45 से 50 कदम है. ऐसे में सवाल यह है कि इतनी कम दूरी तक मजदूर खुद ही प्रश्न पत्र का बंडल ला सकते थे, फिर मजदूरों की संख्या 7 से बढ़ाकर लगभग एक दर्जन और टोटो की जरूरत क्यूं पड़ी.
असुरक्षित भवन का किसने किया चयन
यहां दूसरा सवाल भवन की सुरक्षा को लेकर है.आखिर शहरी इलाके में और भी कई भवन है जो सुरक्षित है तो फिर ऐसे भवन का चयन क्यूं किया गया, जहां जैक द्वारा जारी किए गए सुरक्षा के गाइडलाइन का पालन नहीं हो सके. चूंकि नगर निगम जिस भवन को स्ट्रांग रूम बनाया गया था, वह जगह ही सार्वजनिक है. यहां दिनभर नशेड़ियों का अड्डा लगा रहता है.
स्ट्रांग रूम के नीचे तल्ले में अवस्थित नगर निगम का गोदाम (ETV BHARAT) वहीं, इस कैंपस में एक अन्य बिल्डिंग है, जिसका उपयोग स्थानीय लोग शादी विवाह में करते हैं. मंगलवार को जब पूरे मामला का उद्वेदन हुआ तो उस दिन भी यहां पर बगल के भवन में एक विवाहित कार्यक्रम की तैयारी चल रही थी. दूसरी बात है कि जहां इस भवन के ऊपरी तल्ले में प्रश्न पत्र को रखा गया था, वहीं इसी भवन के नीचे तल्ले में नगर निगम का गोदाम संचालित है. जहां दिनभर कर्मियों का आना जाना लगा रहता है.
ऐसे में निश्चित तौर पर बड़ा सवाल है कि इस बिल्डिंग का चयन क्यों और किस परिस्थिति में किया गया था. यहां सीसीटीवी को लेकर भी सवाल उठ रहा है कि जब इतने महत्वपूर्ण परीक्षा के प्रश्न पत्र को यहां रखा गया था तो आखिर कैमरे से नजर क्यूं नहीं रखी जा रही थी. इस सवाल को ईटीवी भारत कल भी उठा चुका है.
स्ट्रांग रूम के अंदर ले जाते आंसर शीट (ETV BHARAT) 10 शिक्षक, ट्रेजरी के क्लर्क समेत कई थे तैनात
तीसरा सवाल तैनात कर्मियों की मुस्तैदी को लेकर है. चूंकि जो जानकारी मिली है उसके अनुसार यहां पर प्रश्न पत्र को उतारकर भवन के उपरी तल्ले पर बनाये गये वज्र गृह में सीरियल नंबर के साथ रखा गया था. फिर परीक्षा के दिन जरूरत के अनुसार प्रश्न पत्र के बंडल को निकालने के लिए ट्रेजरी के क्लर्क के साथ-साथ 10 शिक्षकों को जिम्मा क्यों सौंपा गया था. जबकि सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारी के साथ जवानों को भी यहां पर तैनात किए गए थे. वहीं, पूरी निगरानी का जिम्मा ट्रेजरी ऑफिसर का था.
कैंपस के अंदर बैठे शिक्षक और पीछे चल रहा निजी कार्यक्रम (ETV BHARAT) 7 फरवरी को जब प्रश्न पत्र मालवाहक से उतारा जा रहा था तो उस दिन सुरक्षा की और भी व्यवस्था थी. अलग से पुलिस अधिकारी व जवान की भी तैनाती थी फिर भी मजदूर बने छात्रों ने क्वेश्चन पेपर पर हाथ साफ कर लिया. अब जब कोडरमा पुलिस ने पूरे मामले का उद्वेदन कर लिया तो यहां पर तैनात अधिकारी, कर्मी, शिक्षक और सुरक्षाकर्मी चुप्पी साधे हुए हैं.
पहले घंटों मंथन किए अधिकारी और फिर बोले- चल रही जांच
मंगलवार को कोडरमा के एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह की अगुवाई में गिरिडीह शहर में छापेमारी हुई, जिससे यह साफ हो गया कि गिरिडीह शहरी क्षेत्र में बने इसी स्ट्रांग रूम में प्रश्न पत्र रखने के दौरान ही क्वेश्चन पेपर की चोरी हुई तो इससे जुड़े अधिकारी व कर्मियों के चेहरे पर शिकन आ गया.
जांच करने के बाद स्ट्रांग रूम से बाहर निकलते कोडरमा और गिरिडीह एसडीपीओ (ETV BHARAT) अपर समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, एसडीपीओ, डीएसपी, इंस्पेक्टर समेत कई अधिकारियों का जमावड़ा लगा. कई घंटे तक मंथन किया गया. स्ट्रांग रूम के अंदर एसआईटी के पदाधिकारी बैठे रहे. जिला ट्रेजरी ऑफिसर भी यहीं पर मौजूद रहे. तीन से चार घंटे तक मंथन का दौर चलता रहा लेकिन जब मीडिया ने सवाल पूछा तो जांच की बात कह कर अधिकारी पूरे सवाल को ही टालते रहे. चूंकि कोडरमा पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया है, उनमें से दो बारहवीं कक्षा, तीन दसवीं कक्षा और एक नौवीं कक्षा का छात्र है.
छह लोगों में से पांच लोग जैक द्वारा आयोजित परीक्षा के परीक्षार्थी थे. इसमें से तीन छात्र गिरिडीह जिले के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों में दसवीं बोर्ड की परीक्षा भी दे रहे थे. यह गिरफ्तार छात्र ही यहां मजदूर थे. ऐसे में जिला में गठित एसआईटी से पूछा गया कि चूक कहां हुई, मजदूर को हायर किसने किया था, सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं लगा था, टोटो का उपयोग क्यों किया गया तो इन सब का जवाब सिर्फ एक ही था जांच चल रही है. कोडरमा एसआईटी की कार्रवाई के बाद गिरिडीह एसआईटी की मुस्तैदी पर सवाल उठने लगा है.
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