देहरादून:उत्तराखंड परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की महत्वपूर्ण बैठक आज होने जा रही है. दरअसल, यह बैठक महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि करीब डेढ़ साल के बाद एसटीए की बैठक होने जा रही है. परिवहन आयुक्त ब्रजेश कुमार संत की अध्यक्षता में होने जा रही इस बैठक में तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लिया जा सकता है. जिसमें कमर्शियल वाहनों की अवधि, ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज का विस्तार, देहरादून आईएसबीटी में बसों के एंट्री करने पर लिए जा रहे शुल्क को लेकर विवाद समय तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लिया जा सकता है.
वहीं संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि एसटीए की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे रहने वाले हैं जो नीतिगत हैं. जिसके तहत कमर्शियल वाहनों को जो परमिट दिया जाता है उसके तहत कितने समय तक वह गाड़ियां परमिट के आधार पर संचालित की जा सकती हैं, इस पर निर्णय दिया जा सकता है. हालांकि, पहले कुछ त्रुटियां हुई थी, जिसमें मॉडल सीमा की जगह आयु सीमा लिखी गई थी, जिसके बाद ये मामला हाई कोर्ट चला गया था. इस मामले को देखते हुए कमेटी का गठन किया गया. लिहाजा, एसटीए की बैठक में कमेटी का रिपोर्ट रखा जाएगा. जिस पर चर्चा होने के बाद कमर्शियल वाहनों के मॉडल सीमा का निर्धारण किया जायेगा.
वर्तमान समय में प्रदेश भर में तमाम ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज संचालित हो रही हैं, यह सभी टैक्सी सर्विसेज बड़ी कंपनियों की ओर से संचालित की जा रही हैं. जिसके चलते स्थानीय स्तर पर जो लोग ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज को शुरू करना चाह रहे थे, उनके लिए कुछ संशोधन भी किया गया था. लेकिन वह बड़ी कंपनियों की तरह ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज की सुविधा नहीं दे पा रहे हैं. जिसके चलते तमाम स्थानीय ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज ने नियमों में थोड़ी स्थिरता बरतने को लेकर परिवहन आयुक्त कार्यालय को आवेदन सौंपे हैं. ऐसे में स्थानीय ऑनलाइन टैक्सी सर्विसेज संचालकों की ओर से लिए गए आवेदन पर एसटीए की बैठक में चर्चा की जाएगा.
देहरादून आईएसबीटी में बसों को खड़ा करने संबंधित लिए जा रहे शुल्कों को लेकर कुछ लोगों ने शासन को प्रत्यावेदन दिया था. ऐसे में यह मामला भी एसटीए की बैठक में आएगा. दरअसल, देहरादून आईएसबीटी का संचालन एमडीडीए कर रहा है. ऐसे में आईएसबीटी परिसर में जो भी बसें खड़ी होती हैं, उनसे शुल्क लिया जा रहा है. ऐसे में उस शुल्क को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है. कुछ वाहन स्वामियों ने यह दलील दी थी कि शुल्क लेना एमडीडीए का अधिकार नहीं है.
लिहाजा वाहन स्वामियों ने इस मामले से संबंधित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी. जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले का निस्तारण करने के लिए परिवहन सचिव को अधिकृत कर दिया था. ऐसे में परिवहन सचिव ने सभी पक्षों की बातों को सुना और यह निर्णय दिया कि शुल्क निर्धारण का अधिकार का अधिकार एमडीडीए को नहीं है, बल्कि परिवहन प्राधिकरण को है. ऐसे में एसटीए की बैठक के दौरान शुल्क को लेकर चर्चा की जाएगा और इसमें क्या प्रावधान होने चाहिए इस पर निर्णय लिया जाएगा.
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