लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ की पूर्व विधानसभा सीट पर अपेक्षाकृत कम अनुभव के ओपी श्रीवास्तव को टिकट मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी में अंतर विरोध शुरू हो गया है. इस क्षेत्र के कई नेता घर बैठ गए हैं. जिसकी चिंता बहुत ऊपर तक है.
लखनऊ पूर्वी क्षेत्र भारतीय जनता पार्टी का गढ़ है. इंडिया गठबंधन ने यहां एकजुट होते हुए उम्मीदवार उतारा है. कांग्रेस के पार्षद मुकेश सिंह चौहान यहां से उम्मीदवार हैं. जबकि भारतीय जनता पार्टी के अनेक नेता वर्तमान प्रत्याशी से नाराज होकर चुनाव में उस तरह से सक्रिय नहीं नजर आ रहे हैं, जैसा कि उनको होना चाहिए.
ओपी श्रीवास्तव जिनको भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ पूर्व विधानसभा सीट से उपचुनाव का टिकट दिया है, उनका भारतीय जनता पार्टी में अनुभव अपेक्षाकृत काफी कम है. इस सीट से मुख्य रूप से दिवंगत आशुतोष टंडन के छोटे भाई अमित टंडन, भाजपा नेता राजीव मिश्रा, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई, भाजपा नेता मनीष शुक्ला, भाजपा उपाध्यक्ष संतोष सिंह (जिनको MLC बना दिया गया ), भोजपुरी समाज के नेता प्रभुनाथ राय के अलावा 20 के करीब अन्य नेता टिकट मांग रहे थे.
टिकट मांगने वालों की बड़ी संख्या थी. मगर अब जब प्रचार का मौका आया है तो यह संख्या बहुत कम है. अधिकांश नेता घर बैठ गए हैं. अधिकांश कहीं भी प्रचार अभियान में नजर नहीं आ रहे हैं. टिकट के लिए सबसे मुखर एक नेता इन दिनों क्षेत्र में प्रत्याशी का सहयोग करने की जगह प्रदेश की एक प्रमुख सीट पर बड़ी भाजपा नेता के प्रचार में लगे हुए हैं. इसी तरह से ज्यादातर नेता भी किसी न किसी बहाने खुद को उपचुनाव के प्रचार अभियान से अलग किए हुए हैं.