मंदसौर:सागोरिया और चांदखेड़ी के बीच रास्ते पर करीब 10 फीट गहरा नाला है, जिसमें बारिश के बाद पानी भर जाता है. इस नाले को पार करने के लिए पुल नहीं है, जिससे लोग बांस और लकड़ी आदि से जुगाड़ बनाकर नाला पार करते हैं. बताया जा रहा है कि 15 साल पहले परासली गांव में तालाब निर्माण हुआ था. तालाब के ओवरफ्लो होने पर पानी पास करने के लिए एक जगह छोड़ी गई थी. जो धीरे-धीरे बड़े नाले में तब्दील हो गया. जो अब गांव के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. वहीं, मंदसौर के दलौदा से अंतिम संस्कार के लिए शव को एक नाले से ले जाते हुए वीडियो सामने आया है.
जुगाड़ के पुल से पार करते हैं नाला
सागोरिया के लोगों का कहना है कि वे अपनी खेती किसानी और रोजगार के लिए बांस और लकड़ी आदि से बनाए गए जुगाड़ के पुल से जाते हैं. बच्चे, बूढ़े और महिलाएं सभी इस पुल से ही गुजरते है. जिसमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और हमेशा किसी अनहोनी की आशंका रहती है. वहीं, बताया जा रहा है कि नाले पर पुल बनाने के लिए 2019 में 2 करोड़ 46 लाख रुपए की मंजूरी मिली थी. लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हो पाया.
'विधायक और सांसद कर चुके हैं अवलोकन'
सागोरिया निवासी दिलीप सिंह राठौर ने बताया कि "चांदखेड़ी और सगोरिया के बीच सड़क और पुल के मामले में उन्होंने भूतपूर्व विधायक देवीलाल धाकड़ और क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता को भी मौके पर बुलाकर पुल का अवलोकन कराया है. लेकिन अभी तक भी इसका निर्माण काम शुरू नहीं हो सका है." इस मामले में गरोठ जनपद के सीईओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि "मीडिया के जरिए ये बात पता चली है. मौके पर राजस्व के अधिकारी राम सिंह को भेज कर मामले का पंचनामा बनाया है. वहीं, निर्माण काम शुरू क्यों न हो पाया है, इस मामले की भी जांच की जा रही है."