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कूनो के बाद मंदसौर में गूंजेगी चीतों की दहाड़, गांधी सागर अभ्यारण्य में विदेशी चीते लाने की तैयारी - CHEETAH IN GANDHI SAGAR SANCTURY - CHEETAH IN GANDHI SAGAR SANCTURY

मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण्य में अब विदेशी चीते बसाने की तैयारियां की जा रही हैं. इसके लिए वन विभाग ने चीतों के लिए एक व्यवस्थित और आधुनिक बाड़े का निर्माण किया है. जो कि 6400 हेक्टेयर जमीन पर बना है. इसे लेकर गांधी सागर अभ्यारण्य में केन्या के अधिकारियों का एक दल निरीक्षण कर रहा है.

CHEETAH IN GANDHI SAGAR ABHYARAN
मंदसौर में गूंजेगी चीतों की दहाड़ (Etv Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 9:34 AM IST

मंदसौर। कूनो के बाद मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों को बसाया जाएगा. एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील के तराई वाले गांधी सागर अभ्यारण्य में अब विदेशी चीते बसाने की तैयारियां जोरों पर हैं. देश में विलुप्त हो रहे ईको सर्कल के इस जीव की बढ़वार पर सरकार अब काफी गंभीर नजर आ रही है. वन विभाग ने गांधी सागर अभ्यारण्य में चीतों की बस्ती के लिए एक पूर्ण व्यवस्थित और आधुनिक बाड़े का निर्माण कर लिया है. यहां आने वाले चीतों का जन जीवन सुलभ हो सके, इसलिए सरकार की पहल पर इन दिनों केन्या के अधिकारियों का एक दल अभ्यारण्य स्थित बाड़े का निरीक्षण कर रहा है.

मंदसौर में गूंजेगी चीतों की दहाड़ (Etv Bharat)

जोरों पर है चीतों को लाने की तैयारी

भारत में चीतों की संख्या बढ़ाई जाने को लेकर मध्य प्रदेश के कई हिस्सों को उपयुक्त माना जा रहा है. कूनो के बाद सरकार अब मंदसौर जिले स्थित गांधी सागर झील के किनारे बने अभ्यारण्य में एक बाड़ा बनाकर चीतों को लाने की तैयारी कर रही है. प्रदेश के उत्तर पश्चिमी इलाके को पर्यावरण के लिहाज से चीतों की बस्ती के अनुकूल माना जा रहा है. दरअसल, अफ्रीका से आने वाले इन वन्य जीव का जीवन भारत में सुलभ होगा या नहीं इस सवाल पर कई शोध किए गए हैं.

गांधी सागर अभ्यारण्य में बनाया गया है बाड़ा

सरकार के भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून एवं नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी द्वारा किए गए लंबे चिंतन के बाद वन विभाग का अमला इस फैसले पर पहुंचा है. जिसमें इस इलाके को चीतों के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है. गांधी सागर अभ्यारण्य में 6400 हेक्टेयर जमीन पर एक सुसज्जित बाड़े को तैयार की गई है. इस बाड़े में 12 फीट ऊंची लोहे की जालियां लगाकर उनके ऊपर तार लगाए गए हैं. इस बाड़े में चीतों के लिए भोजन, पानी और वनस्पति जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी इंतजाम किया गया है.

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चीतों की निगरानी के लिए यहां कैमरे भी लगाए गए हैं. इनकी मॉनिटरिंग के लिए उच्च अधिकारियों के कंट्रोल रूम ऑफिस से इन्हें जोड़ा गया है. अनुमान जताया जा रहा है कि इसी साल सर्दी के सीजन में साउथ अफ्रीका और नामीबिया से यहां चीते लाए जाएंगे. यहां की गई तैयारी के फाइनल निरीक्षण के लिए सरकार द्वारा बुलाए गए केन्या के 6 सदस्य के दल ने बाड़े और अभ्यारण्य का निरीक्षण किया है. केन्या से आए दल ने यहां जलवायु के अलावा चीतों की मूलभूत सुविधाओं के विकास का भी जायजा लिया. यह दल यहां 5 दिन के भ्रमण पर है. यहां आने वाले चीतों के भोजन के लिए सरकार ने चितलों की संख्या भी बढ़ा दी है. केन्या के दल की सहमति के बाद सरकार अब इसी साल विदेशी चीतों को यहां लाने की तैयारी कर रही है.

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