मंडला. मध्यप्रदेश के मंडला जिले के बीईओ कार्यालय से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है. यहां करीब साढ़े तीन साल से एक मृत कर्मचारी की सैलरी निकाली जा रही थी. ये सैलरी इसी कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी और उसकी पत्नी के खाते में जमा हो रही थी. भोपाल की टेक्निकल टीम ने शिक्षा विभाग के कुछ लेनदेन में आशंका होने पर इसकी जांच जबलपुर के कोष एवं लेखा विभाग को सौंप दी थी. निवास बीईओ कार्यालय में बीते 10 दिनों से ट्रेजरी की टीम भुगतान के बिलों की जांच कर रही थी. जांच में बीते कई सालों से मृत कर्मचारियों के नाम से सैलरी, छात्रवृत्ति की राशि, कर्मचारियों को मिलने वाले हाउस रेंट और बोर्ड को भेजी जाने वाली राशि के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है.
52 लाख 45 हजार रुपए का गबन
अभी तक की जांच में सामने आया है कि इस गबन में प्रमुख भूमिका बीईओ कार्यालय में पदस्थ अस्थाई कर्मचारी कंप्यूटर ऑपरेटर सतीश बर्मन की है. जांच अधिकारी रोहित सिंह के मुताबिक सतीश बर्मन लंबे समय से मृत कर्मचारियों का वेतन अपने रिश्तेदारों व पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर रहा था. इस गबन में दो पूर्व बीईओ की भी भूमिका भी संदेह के घेरे में है. अभी तक की जांच में करीब 52 लाख 45 हजार रुपए का गबन मिला है. जांच पूरी होने तक यह रकम और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
सभी आरोपियों के बैंक अकाउंट किए गए सीज