रायपुर:सरकार से मिले सम्मान की राशि को क्या कोई शिक्षक अपने स्कूल के बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर सकता है. अगर आपका जवाब नहीं में है तो आप गलत हैं. रायपुर में सरकारी स्कूल की शिक्षिका ममता अहार ने कुछ ऐसा ही किया है. शिक्षक दिवस के मौके पर ममता अहार को राज्य सरकार ने उनके सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित किया. सम्मान में राज्य सरकार ने उनको पचास हजार की राशि भेंट की. ममता ने सम्मान में मिले पैसे को बच्चों को शिक्षा के लिए खर्च कर दिया. ममता पंडित सखाराम दुबे प्राथमिक शाला में प्रधान पाठिका के पद पर पदस्थ हैं.स्कूल के साथी शिक्षक भी उनकी प्रतिभा और उनके लगन का लोहा मानते हैं.
गुरु जो मां बन गई: ममता ने अपने पैसों से स्कूल की दीवारों पर सुंदर प्रार्थना लिखवाई. बच्चों को खेल खेल में किताबों की शिक्षा देने के लिए दीवारों पर तरह तरह के जोड़ घटाव लिखवा दिए. विज्ञान के कठिन सवालों को सामान्य भाषा में दीवारों पर फोटो के जरिए बनाकर उसे आसान बना दिया. बच्चे अब खेल खेल में गणित और विज्ञान के कठिन सूत्रों को बड़ी ही आसानी से समझ ले रहे हैं. बच्चों का कहना है कि टीचर ममता अहार सिर्फ एक शिक्षक नहीं बल्कि मां की तरह हैं जो उनको पढ़ाती भी हैं और उनका ख्याल भी रखती हैं.