रायपुर:रविवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के IED विस्फोट में कोबरा बटालियन के 2 जवान शहीद हो गए. फोर्स के जवान जब ड्यूटी के दौरान फोर व्हीलर और बाइक से टेकलगुडेम कैंप की ओर जा रहे थे तभी सिलगेर कैंप के पास IED ब्लास्ट हो गया. इस विस्फोट में केरल और उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो जवान शहीद हो गए. बस्तर में जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली IED का ही सहारा लेते हैं. बीते 15 सालों में नक्सलियों के आईईडी ब्लास्ट की घटनाओं में कई परिवार उजड़ गए.
13 जुलाई 2009: राजनांदगांव में तीन अलग-अलग घटनाओं में नक्सलियों के घात लगाकर किए गए हमलों और बारूदी सुरंग हमलों में पुलिस अधीक्षक सहित 30 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.
08 मई 2010: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने बुलेटप्रूफ वाहन को उड़ा दिया. इसमें सीआरपीएफ के 8 जवान शहीद हो गए.
06 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर अब तक का सबसे भयानक IED हमला हुआ. माओवादियों ने पहले एसएफ के एक बारूदी सुरंग रोधी वाहन को उड़ा दिया. फिर अंधाधुंध गोलीबारी की. इसमें 75 सीआरपीएफ के जवान और 1 पुलिस जवान शहीद हो गए थे.
18 मार्च 2011: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर क्षेत्र में सुकमा से लगभग 7 किलोमीटर दूर बोगुडा गांव के पास नक्सलियों ने एक शक्तिशाली बारूदी सुरंग का उपयोग करके सीआरपीएफ की गाड़ी को उड़ा दिया गया. इस विस्फोट में 5 जवान शहीद हो गए.
27 अक्टूबर 2018: बीजापुर जिले में नक्सलियों ने माइन-प्रोटेक्टेड-व्हीकल को उड़ा दिया. इसमें सीआरपीएफ के 4 जवान शहीद हो गए और दो जख्मी हो गए.
13 मार्च 2018: सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमले में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों ने एक माइन प्रोटेक्शन व्हीकल को उड़ा दिया, जिसमें 9 CRPF के जवान शहीद गए और दो गंभीर रूप से जख्मी हो गए.
8 फरवरी 2022: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के 4 जवान घायल हो गए थे.