नई दिल्ली:दिल्ली एनसीआर में इस बार गर्मी के मौसम में बड़ी संख्या में आग लगने की घटनाएं सामने आईं. इनमें से कई तो ऐसी भी घटनाएं थीं, जिसमें लोगों ने अपनी जान गंवा दी. आग की बढ़ती घटनाओं ने लोगों को दहशत में डाल दिया है. करीब-करीब रोज ही आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. छह माह के भीतर कई ऐसे बड़े हादसे हुए हैं जिनमें मासूमों से लेकर बुजुर्ग, महिलाएं आदि अपनी जान से हाथ धो चुके हैं. आइए जानते हैं इन घटनाओं के बारे में विस्तार से..
- इस साल 26 जनवरी को शाहदरा जिले के मानसरोवर पार्क इलाके में एक चार मंजिला इमारत में भीषण आग लगने की घटना सामने आई थी. इसके कारण सात माह की बच्ची समेत 4 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई थी. आग करीब शाम 5:22 बजे लगी थी, जिसपर दमकल विभाग द्वारा 6:55 बजे तक काबू पा लिया गया था.
- वहीं 15 फरवरी को अलीपुर स्थित केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. साथ ही इस घटना में लाखों का सामान जल खाक हो गया था.
- इसके अलावा 24 मार्च को नरेला के भोरगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया में दोपहर 12 बजे के करीब जूते-चप्पल बनाने वाली तीन मंजिला फैक्ट्री में आग लग गई थी. जिस समय फैक्ट्री में आग लगी, उस वक्त वहां कई मजदूर थे, लेकिन समय रहते वे सब वहां से निकल गए थे, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई थी. हालांकि घटना में फैक्ट्री में रखा लाखों का माल जलकर राख हो गया था
- उधर 20 मई को ज्योति नगर थाने के अंतर्गत दुर्गापुरी एक्सटेंशन इलाके में चार मंजिला इमारत में आग लग गई थी, जिसमें शोरूम भी था. भीषण आग पर काबू पाने के लिए मौके पर 20 से ज्यादा गाड़ियां पहुंची थी, जिन्होंने 8 से 10 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था. घटना में 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी और इमारत में मौजूद लाखों का मामला स्वाहा हो गया था.
- दिल्ली में साल की दिल दहला देने वाली घटनाओं में से एक घटना 25 मई को घटी थी, जिसमें विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में रात 11 बजे के आसपास भीषण आग लग गई थी. घटना में बेबी केयर सेंटर में मौजूद मासूमों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि 5 घायल हो गए थे. हादसे ने सभी प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए थे, जिसकी अब भी जांच की जा रही है.
- 25 मई की ही रात करीब 2:30 बजे कृष्णा नगर इलाके में स्थित इमारत में आग लग गई थी, जिसमें एक बुजुर्ग महिला और रेस्क्यू किए गए दो लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में 10 लोग घायल भी हुए थे. साथ ही 11 स्कूटी और बाइक भी चपेट में आ गई थी.
- वहीं 5 जून को लाजपत नगर इलाके स्थित बच्चों के अस्पताल में आग लगने की घटना सामने आई थी. घटना में आग को बुझाने के लिए 16 फायर टेंडर मौके पर पहुंचे थे, जिन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था. हालांकि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था.
- 8 जून को नरेला इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में भीषण आग लगी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी व छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घटना फैक्ट्री में बॉयलर फटने की वजह से हुई थी.
हर रोज मिली करीब 200 कॉल:दिल्ली फायर सर्विस डिपार्टमेंट के आंकड़ों की मानें तो 2022-23 में दिल्ली में 1029 लोगों ने आग की घटनाओं में अपनी जान गंवाई थी और 2193 लोग घायल हुए थे. वहीं 2021-22 में मौत का आंकड़ा 591 और घायलों की संख्या 1421 दर्ज किया गया था. साल 2020-21 में आग लगने के कारण 346 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी, जबकि 1135 लोग घायल हुए थे. वहीं दिल्ली में आग की घटनाओं की कॉल मिलने की बात करें तो 2022-23 में इसकी संख्या 31,958 रिकॉर्ड की गईं, जो 2021-22 में 27,343 और 2020-21 में 25,709 थीं. इस साल तो दिल्ली फायर सर्विस को हर रोज करीब 200 फायर कॉल मिली हैं, जो कि बेहद चिंताजनक हैं.