बिहार

bihar

ETV Bharat / state

मक्का ढुलाई का नया कीर्तिमान, 50 दिनों में पूर्व मध्य रेल को 62 करोड़ से ज्यादा राजस्व की प्राप्ति - maize shipment - MAIZE SHIPMENT

MAIZE SHIPMENT: मक्के की बंपर पैदावार ने किसानों के साथ-साथ रेलवे के लिए भी बहार ला दी है. पूर्व मध्य रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के सिर्फ 50 दिनों में मक्के की ढुलाई से 62.25 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है जो कि नया रेिकार्ड है, पढ़िये पूरी खबर,

मक्का ढुलाई का नया कीर्तिमान
मक्का ढुलाई का नया कीर्तिमान (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 23, 2024, 12:47 PM IST

पटनाःपीले सोने के रूप में मशहूर मक्के की बंपर पैदावार ने जहां बिहार के किसानों के चेहरे पर खुशियां बिखेर दी हैं वहीं मक्के की ढुलाई से रेलवे ने भी कमाई का नया रिकॉर्ड बनाया है. बिहार में उत्पादित मक्के को भारतीय रेलवे ने ढुलाई कर दूसरे प्रदेश में भेजने का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

50 दिनों में 62.25 करोड़ का राजस्व मिलाःपूर्व मध्य रेलवे ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के 1 अप्रैल से 20 मई तक कुल 172 रैक मक्के की ढुलाई कर दूसरे प्रदेशों को भेजा है, जिससे 62.25 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. इतने दिनों की अवधि में ढुलाई से राजस्व प्राप्ति का ये नया कीर्तिमान है.

पिछले वित्तीय वर्ष में 146 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ थाःपूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के पूरे वर्ष में पूर्व मध्य रेल ने कुल 311 रैक मक्के की ढुलाई की थी और इससे 146 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था.

सोनपुर मंडल ने 100 रैक की ढुलाई कीः पूर्व मध्य रेल के सोनपुर और समस्तीपुर मंडल से मुख्य रूप से उत्तरी भारत के अंबाला और रुद्रपुर जबकि दक्षिण भारत के ईरोड और तिरूपुर स्टेशनों के लिए मक्के की ढुलाई होती है.चालू वित्तीय वर्ष में 20 मई तक अकेले सोनपुर मंडल ने 100 रैक की ढुलाई की है, जिससे 35 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है.जबकि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान पूरे वर्ष में 189 रैक की ढुलाई से 85 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था.

समस्तीपुर मंडल ने की 72 रैक की ढुलाईः सोनपुर मंडल के अलावा समस्तीपुर रेल मंडल ने भी चालू वित्तीय वर्ष के 50 दिनों के दौरान 72 रैक मक्के की ढुलाई कर 27.25 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है, जबरि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान पूरे साल में मक्के की 122 रैक की ढुलाई कर 61 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया था.

बिहार की तीसरी मुख्य फसल है मक्काः बता दें कि धान और गेहूं के बाद मक्का बिहार की तीसरी खाद्यान्न फसल है और राज्य के कई हिस्सों में इसकी सालों भर खेती होती है. ये भदई, अगहनी, रबी और गरमा चारों मौसम में पैदा होता है. सिंचाई की समुचित व्यवस्था और उन्नत बीजों की उपलब्धता के बाद बिहार में मक्के की पैदावार में काफी वृद्धि हुई है.

ये भी पढ़ेंःकिसानों पर पड़ी प्रकृति की दोहरी मार, औने-पौने दाम में मक्का बेचने को मजबूर

खगड़ियाः किसानों के आए अच्छे दिन, जिले में खुला एक और रैक प्वाइंट

ABOUT THE AUTHOR

...view details