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मैहर के जगन्नाथ मंदिर में होली के दिन चढ़ता है कढ़ी-भात, डिप्टी CM ने श्रद्धालुओं को बांटा आटिका प्रसाद - jagannath temple atika prasad

एमपी के मैहर जिले में स्थित मुकुन्दपुर में जगन्नाथ स्वामी मंदिर स्थापित है. जिसकी अपनी खासियत है. मंदिर में होली के दिन कढ़ी-भात को भोग लगाया जाता है. जिसे आटिका प्रसाद कहा जाात है. इस खास मौके पर आज प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला पहुंचे.

MAIHAR JAGANNATH TEMPLE
मैहर के जगन्नाथ मंदिर में होली के दिन चढ़ता है कढ़ी-भात, डिप्टी CM ने श्रद्धालुओं को बांटा आटिका प्रसाद

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 25, 2024, 7:32 PM IST

मैहर।जिले के मुकुन्दपुर में स्थित जगन्नाथ स्वामी मंदिर में हर साल की भांति इस वर्ष भी होली पर्व के अवसर पर आटिका महापर्व का आयोजन किया गया. भगवान जगन्नाथ को आटिका प्रसाद में कढ़ी-भात का भोग परोसा जाता है. भोग लगने के बाद विशाल भंडारे में डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला अपने हाथों से श्रद्धालुओं को आटिका प्रसाद देते हुए नजर आए. बता दें श्री जगन्नाथ मंदिर में आटिका पर्व के दौरान आटिका प्रसाद चढ़ाने और कढ़ी-भात का प्रसाद ग्रहण करने के लिए रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली और पन्ना से हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं.

2030 तक आटिका प्रसाद की हुई बुकिंग

जगन्नाथ मंदिर मुकुंदपुर के आस्था का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2030 तक आटिका प्रसाद की बुकिंग हो चुकी है. अगर कोई चाहे इससे पहले आटिका चढ़ाना तो होली के फगुआ के दिन तो संभव नहीं है. इसके लिए पूर्णिमा का विकल्प रखा गया है. मुकुंदपुर जगन्नाथ मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है. स्थानीय कवि सीताशरण गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया है कि 'रीवा राज्य के महाराजा भाव सिंह जूदेव ने सन् 1680-85 के मध्य यहां मंदिर बनवाया था.

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मुकुंदपुर जगन्नाथ पुरी का मंदिर है भव्य

जगन्नाथपुरी जाकर वहां से भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा माता एवं बलभद्र की विशाल प्रतिमाएं लाकर विराजमान करवाई थी. ऐसी भव्य और दिव्य प्रतिमाएं कहीं भी देखने को नहीं मिलती.' बता दें कि महाराजा भाव सिंह जू देव का विवाह पुरी में हुआ था. रानी ने भगवान जगन्नाथ मंदिर की इच्छा जताई थी. महाराजा पुरी गए थे और वहां से तीन मूर्तियां साथ लाए थे. एक मूर्ति मुकुंदपुर में, दूसरी बिछिया और तीसरी किला में प्राण प्रतिष्ठा की थी. महाराजा भाव सिंह जू देव ने पहली आटिका मुकुंदपुर में चढ़ाई थी.

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