अयोध्या :राम जन्मभूमि परिसर में स्थित प्राचीन कुबेर टीले पर 20 साल के बाद शिवरात्रि उत्सव को भव्यता से मनाया जाएगा. इसके लिए कुबेर टीले का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है. 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन कुबेरेश्वर महादेव मंदिर पर वैदिक आचार्य के द्वारा रुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जाएगा. इस दौरान रजत प्रतिमा के रूप में भगवान रामलला भी दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे.
अधिग्रहण के बाद 2005 में लगा प्रतिबंध :राम जन्मभूमि परिसर स्थित कुबेर टीला भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण में भी दर्ज किया गया था. अब इसकी जिम्मेदारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दे दी गई है. 1992 में अधिग्रहण के दौरान टीले को भी परिसर की हद में शामिल कर लिया गया था.
इस स्थान पर महाशिवरात्रि एक विशाल मेले का भी आयोजन किया जाता था. यह परंपरा 20 वर्ष पूर्व 2005 तक निरंतर चलती रही. आतंकवादी हमले के बाद पूरी तरह से इस पर रोक लगा दी गई. आज एक बार फिर इस मंदिर को भव्यता दिए जाने के बाद उत्सव की तैयारी है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा के मुताबिक महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के महाअभिषेक का आयोजन किया जाएगा. परिसर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही हर दिन उत्सव मनाया जा रहा है. आगे भी वर्ष में इस तरह के जो भी पर्व त्योहार आएंगे, उसे भी ट्रस्ट धूमधाम से मनाएगा.
कुबेर टीला पर लगता था आस्था का मेला :वशिष्ट कुंड निवासी हरिहर यादव बताया कि यह परंपरा हमारे बाबा स्वर्गीय धनपत राम यादव के द्वारा शुरू की गई थी. हर वर्ष महाशिवरात्रि के दिन धूमधाम से आयोजन किया जाता था. एक भव्य मेला लगता था. इस दिन देर शाम को शिव बारात भी निकलती थी.