प्रयागराज: निरंजनी अखाड़े में शनिवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई. इसमें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और मंत्री महंत हरि गिरी की मौजुदगी में महाकुम्भ से जुड़े कई प्रस्तावों को रखा गया. बैठक में मौजूद अखाड़ों से जुड़े संतों ने इन विषय पर चर्चा के बाद सहमति से प्रस्ताव पास किया. बैठक में शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदले जाने पर सहमति भी बनी.
प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में महाकुम्भ के दौरान अखाड़ों के निकलने वाले शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदले जाने के प्रस्ताव पर सभी अखाड़ों की सहमति बनी. फैसला लिया गया है कि शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदलकर संस्कृत या हिंदी के शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
प्रयागराज में मीडिया से बात करते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी. (Video Credit; ETV Bharat) शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदले जाने का प्रस्ताव अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद तरफ से शासन प्रशासन को दिया जाएगा, जिसके बाद ही शाही स्नान और पेशवाई का नाम बदला जा सकेगा.
गैर सनातनी अफसरों की तैनाती न किए जाने पर भी हुई चर्चा:इसके साथ ही बैठक में कुम्भ मेला क्षेत्र में गैर सनातनी अधिकारियों की तैनाती न किए जाने के विषय पर भी चर्चा हुई. हालांकि इस प्रस्ताव की मंजूरी के लिए अभी विस्तृत चर्चा होनी है. लेकिन, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि गैर सनातनी अफसरों की मेला क्षेत्र में तैनाती होने के बाद अगर उनके विचार सनातन धर्म को मानने वालों से नहीं मिलेंगे तो परेशानी हो सकती है.
इस कारण गैर सनातनियों की तैनाती को लेकर उन्होंने सवाल उठाए. उनका कहना है कि सनातन धर्म को मानने वाले अधिकारियों की तैनाती मेला क्षेत्र में ज्यादा की जाती है. क्योंकि, सनातन धर्म को मानने वालों को यहां तैनात किए जाने से वो श्रद्धालुओं की भावनाओं को नहीं समझ पाएंगे.
11 प्रस्तावों पर मिली मंजूरी:अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक में कई प्रस्ताव रखे गए. बैठक में अखाड़ों की तरफ से 11 प्रस्ताव पास किए जा चुके हैं. जबकि शनिवार की शाम तक कुछ और प्रस्तावों पर चर्चा करने के बाद उसे सहमति बनने पर पास किया जाएगा. इसके साथ ही इस बैठक में गो माता के संरक्षण और संवर्धन किए जाने का प्रस्ताव पास करते हुए गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने की मांग की गई.
सनातन धर्म को बचाने के साथ लव जेहाद, धर्मांतरण और मंदिरों को नष्ट होने से बचाने का प्रस्ताव भी पास किया गया. महाकुंभ क्षेत्र में मांस मदिरा की दुकानों को हटाने और बिक्री पर रोक लगाने की मांग भी की गई. इसके साथ ही मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सहमति से पास किया गया. मां गंगा की अविरलता और निर्मलता का प्रस्ताव भी बैठक में पास किया गया.
इसके अलावा गंगा यमुना पर बन रहे स्नान घाटों का नामकरण अखाड़ों के ईष्ट देवता के नाम पर किए जाने की मांग का प्रस्ताव भी इस बैठक में पास किया गया. शनिवार की बैठक में शुक्रवार के प्रस्तावों समेत कुल 11 प्रस्ताव पास किए गए हैं. प्रस्तावों पर कार्य करवाने के लिए सरकार से मांग किए जाने की रणनीति बनाई गई. अखाड़ों की यह बैठक शनिवार की शाम तक चलेगी और कुछ दूसरे बिंदुओं पर भी चर्चा कर उन प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है.
बड़ा उदासीन अखाड़ा से निष्कासित तीन महंतों के साथ नहीं होगी पंगत
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ मेले में आने वाले हर एक व्यक्ति के आधार कार्ड की जांच करने के बाद ही उन्हें मेला क्षेत्र में प्रवेश करने दिया जाए. हमारे अखाड़े पंचों द्वारा ही संचालित होते हैं. उन्होंने कहा कि बड़ा उदासीन के महंत महंत रघु मुनि जी, मुकामी अग्रदास ,मुकामी दामोदर दास को निष्कासित किया गया है. जब तक यह निष्कासित रहेंगे, उनके साथ न पंगत होगी और न यह अखाड़े में किसी बैठक में आ सकेंगे. कुंभ में भी का प्रवेश होना है कि नहीं इस पर भी विचार किया जाएगा. तीनों संतों ने अगर अखाड़े के विरुद्ध कोई अनुचित कार्य किया तो कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि आगामी कुंभ 2025 के मद्देनजर अखाड़े की विभिन्न मुद्दों पर बैठक आयोजित की गई है. रविवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ कुम्भ के कार्यों का निरीक्षण करने आएंगे. इसके साथ सभी अखाड़ों के संत सीएम योगी के साथ बैठक कर प्रस्ताव रखेंगे.
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