प्रयागराज : महाकुंभ मेले में अखाड़ों की तरफ से नागा-संन्यासी और महामंडलेश्वर बनाए जा रहे हैं. इसी बीच श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी को जगद्गुरु की पदवी प्रदान की. इस अखाड़े की तरफ से पहली बार किसी संत को जगद्गुरु की पदवी दी गई है.
अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि दूसरे अखाड़ों ने जगद्गुरु बनाए थे लेकिन उनके अखाड़े में पहली बार एक महामंडलेश्वर को जगद्गुरु को बनाया गया है. बसंत पंचमी के अमृत स्नान पर्व से पहले श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने मंत्रों के जानकार महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी को जगद्गुरु की पदवी प्रदान की. शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के शिविर में आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी और सचिव महंत रवींद्र पुरी समेत अलग-अलग महामंडलेश्वरों की मौजूदगी में मंत्रोच्चार के बीच पुष्पवर्षा करके पूरे विधि-विधान के साथ उन्हें जगद्गुरु की पदवी प्रदान की गई.
निरंजनी अखाड़े के आचार्य पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि की इजाजत से जगद्गुरु के रूप में जलाभिषेक के बाद चादरपोशी करते हुए पट्टा अभिषेक समारोह शुरू किया गया. पट्टाभिषेक के पहले निरंजनी पीठाधीश्वर वैदिक मंत्रोच्चार भी किया. इसके बाद विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों ने इस कार्यक्रम में पहुंचकर जगद्गुरु के ऊपर पुष्प अर्पित किया.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी पिछले कई वर्षों से सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रहे हैं. अभी तक वह निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर के रूप में कार्य कर रहे थे. अब वो जगद्गुरु के रूप में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करेंगे.