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मध्य प्रदेश में मेट्रो सक्सेस करने की जानिए 'निंजा' टेक्निक, इस तरह से कंपनी जुटाएगी भीड़ - Madhya Pradesh Metro Project Update

मध्य प्रदेश में मेट्रो जून 2025 तक शुरू करने की जोरदार तैयारी चल रही है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो के लिए लोगों की भीड़ जुटाने पड़ेगी. इसके लिए मेट्रो रूट के दोनों ओर कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के साथ हाईराइज इमारतें बनाई जाएंगी.

Madhya Pradesh Metro Project Update
मध्य प्रदेश में मेट्रो सक्सेस करने का बड़ा प्लान (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 10:45 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर शहर में जून 2025 से मेट्रो चलाने की तैयारी की जा रही है. इधर जनसंख्या घनत्व को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि अभी इन शहरों में मेट्रो चलाने की जरुरत नहीं थी. इसमें यात्रियों की भीड़ के लिए 10 से 15 साल का इंतजार करना होगा लेकिन एमपी मेट्रो इन दावों को झुठलाने के लिए 'निंजा' टेक्निक का इस्तेमाल करने वाली है. जिससे मेट्रो के मार्ग में यात्रियों की भीड़ बढ़ जाएगी.

मेट्रो के लिए लोगों की भीड़ जुटाने की तैयारी (ETV Bharat)

हाईराइज इमारतों को मिलेगी छूट, बढ़ेगा एफएआर

भोपाल और इंदौर में मेट्रो रूट के दोनों ओर हाईराइज इमारतें बनेंगी इसमें अधिकांश निर्माण कॉमर्शियल होगा. इसका मकसद यह है कि मेट्रो स्टेशन के पास ऑफिस व यात्रियों की जरूरत की सुविधाएं हों. इनसे मेट्रो के संचालन पर होने वाला खर्च भी निकाला जा सके. इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए ज्यादा निर्माण की अनुमति की आवश्यकता होगी. ऐसे में रूट के आसपास 4 से 5 गुना तक अधिक फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) देने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है. ऐसा होने पर मौजूदा के मुकाबले 5 गुना तक बड़ी बिल्डिंग बनाई जा सकेंगी. इससे मेट्रो रुट के आसपास भीड़ बढ़ेगी. जो आवागमन के लिए मेट्रो का उपयोग करेगी.

भोपाल और इंदौर शहर में जून 2025 से मेट्रो चलाने की तैयारी (ETV Bharat)

मेट्रो रूट के दोनों ओर बनेगा कमर्शियल कॉरिडोर

जिस रूट में मास ट्रांसपोर्ट का साधन विकसित किया जा रहा है उसके आसपास घर, शॉपिंग, खानपान, ऑफिस, मनोरंजन जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. फायदा यह होगा कि घरों से स्टेशन तक लोग पैदल, साइकिल या ट्रांसपोर्ट के छोटे साधनों से पहुंचेंगे. दफ्तर, मॉल वहां होने से दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे सीधे तौर पर मोटरेबल ट्रांसपोर्ट यानि वाहनों से होने वाली आवाजाही में कमी आएगी और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हो सकेगी.

500 मीटर तक होगा ट्रांजिट ओरियंटेड डेवलमपेंट

एमपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन दोनों ही शहरों में कॉरिडोर के आसपास लोकल एरिया प्लानिंग कर रहा है. मेट्रो रूट के दोनों ओर का 500 मीटर का क्षेत्र ट्रांजिट कॉरिडोर रहेगा. मास ट्रांजिट कॉरिडोर में यह सेंट्रल लाइन से 300 मीटर तक रहेगा. इसमें ही मिश्रित के साथ आवासीय व कार्यालयीन उपयोग पर जोर दिया जाएगा. वही रूट से एक हजार मीटर चौड़ाई के बेल्ट के भीतर का ट्रांजिशन क्षेत्र रहेगा. मेट्रो स्टेशनों तक पहुंचने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का छोटा जरिया उपलब्ध रहेगा. इसके लिए ट्रांजिट ओरियंटेड डेवलमपेंट पॉलिसी की मदद ली जा रही है.

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बड़े शॉपिंग कांपलेक्सों का होगा निर्माण

मेट्रो रूट के आसपास पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप से इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े प्रोजेक्ट्स शुरु किए जाएंगे. यहां आसपास 10 से 12 कमर्शियल कॉम्पलेक्स का निर्माण भी किया जाएगा. पैदल चलने वालों की सुविधा के लिए 2 किमी लंबी सड़क भी बनाई जाएगी. दोनों शहरों के स्थानीय लोगों के सुझावों को शामिल कर कुछ और निर्माण भी किए जा सकते हैं.

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