करौली : जिले के मंडरायल उपखंड के मदनपुरा प्राथमिक विद्यालय में डर के साये के बीच अध्यापक बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं. 1964 में बना स्कूल का भवन अब जर्जर हो चुका है. स्कूल भवन गिरने के डर से अध्यापक मासूमों को पेड़ के नीचे बिठाकर पढ़ाने के लिए मजबूर हैं. यही नहीं बरसात के दिनों में तो हालात इतने बद्तर हो जाते हैं कि मजबूरन बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. भवन की जर्जर छत होने की वजह से बरसात का पानी स्कूल के कमरों में भर जाता है. इससे अध्यापकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ग्रामीण और अध्यापक जर्जर भवन की हालत को लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुकें हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से स्कूल के भवन को ठीक कराने के लिए कोई पहल नहीं की गई है.
कम हुआ बच्चों का नामंकन : स्कूल के प्रधानाध्यापक गिर्राज मीणा ने बताया कि स्कूल के जर्जर भवन के चलते कई ग्रामीण अपने बच्चों की टीसी यहां कटवाकर ले जा रहे हैं. अभिभावकों में इस बात का डर बना हुआ है कि बच्चों के साथ कहीं कोई हादसा ना हो जाए. इसी वजह से ग्रामीण अपने बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेज रहे हैं. शिक्षक काफी समझाइश भी करते हैं, लेकिन अभिभावक नहीं मान रहे हैं. पिछले वर्ष स्कूल में 60 बच्चों का नामांकन हुआ था, जो इस बार मात्र 40 रह गया है. इससे पहले स्कूल में काफी संख्या में बच्चे पढ़ने के लिए आते थे, लेकिन जर्जर भवन की वजह से अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए अब इस स्कूल में नहीं भेज रहे हैं.