लखनऊ :उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में काम करने गए कामगारों, मजदूर और लोगों को अपनी शिक्षा पूर्ण करने के लिए जल्दी ही एक नई व्यवस्था शुरू करने जा रहा है. इसके तहत दूसरे राज्यों में काम कर रहे लोगों को ओपन यूनिवर्सिटी अपने यहां से पढ़ाई करने के दौरान उन्हें एक विशिष्ट लाभ देगी. जिससे उन्हें अपने काम के साथ-साथ पढ़ाई पूरा करने का भी मौका मिल सकेगा. इसके तहत ऐसे लोगों को साल में एक बार आकर अपने चयनित सेंटर या रीजनल सेंटर पर रिटन एग्जाम देना होगा.
उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की नई पहल की जानकारी देते लखनऊ के संवाददाता. (Video Credit : ETV Bharat) यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सत्यकाम ने बुधवार को यूनिवर्सिटी के रीजनल सेंटर में आयोजित कार्यशाला में सभी कोऑर्डिनेटर्स को दी. कुलपति लखनऊ स्थित रीजनल सेंटर में अध्ययन केंद्रों के प्राचार्य एवं समन्वयक कार्यशाला में शामिल होने के लिए आए थे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए काम चल रहा है. जल्द ही इससे जुड़ी गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी.
उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में मौजूद प्राचार्य एवं समन्वयक. (Photo Credit: ETV Bharat) साल में एक बार परीक्षा देने का मिलेगा मौका : डॉ. सत्यकाम के मुताबिक हमारी यूनिवर्सिटी स्टेट के अंदर ही ऑनलाइन कोर्सेज चलाने के लिए बाध्य है. इसके तहत हम उत्तर प्रदेश के रहने वाले लोगों को डिस्टेंस माध्यम से पढ़ाई पूरे करने का मौका देते हैं. काफी संख्या में हमारे प्रदेश के रहने वाले युवा काम की तलाश में दूसरे प्रदेशों में जाते हैं. इनमें से ज्यादातर युवा हाईस्कूल व इंटरमीडिएट पास होते हैं और वह अपनी उच्च शिक्षा किसी कारणवश पूरी नहीं कर पाते हैं. नौकरी के कारण ऐसे लोगों को पर्याप्त समय भी नहीं मिल पाता है कि वह साल में दो बार परीक्षा के लिए समय निकाल सकें. डॉक्टर सत्यकाम ने बता या कि ऐसे छात्रों को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिए उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय टंडन मुक्त विश्वविद्यालय नए सत्र से विशेष प्रावधान करने जा रहा है. जिसके तहत प्रदेश के बाहर रह रहे मजदूर कामगार और अन्य लोगों को विश्वविद्यालय में ऑनलाइन पंजीकरण करा कर किसी भी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. ऐसे लोगों को ऑनलाइन मोड में अपने असाइनमेंट व प्रैक्टिकल जमा करने का मौका मिलता रहेगा. साथ ही इन जैसे छात्रों को साल में दो बार आकर परीक्षा देने के बजाय साल में एक बार ही परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. इसी समय वह जाकर एक बात अपना परीक्षा देकर अपनी डिग्री को पूरा कर सकते हैं. उन्हें सेमेस्टर सिस्टम के तरह साल में दो बार आकर परीक्षा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल लेने पर मिलेगी 15% की छूट :कुलपति डॉ. सत्यकाम के मुताबिक विश्वविद्यालय में छात्रों को दो तरह ऑफलाइन और ऑनलाइन मोड में स्टडी मैटेरियल मुहैया कराया जाता है. ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल को प्रमोट करने के लिए इस साल से नहीं व्यवस्था शुरू हुई है जो भी स्टूडेंट ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल लेगा उसे 15% की छूट प्रदान की. इसके अलावा किसी भी रिसोर्स सेंटर पर अगर कोई नया विषय शुरू करना है और उसे रिसोर्स सेंटर को उसे विषय से संबंधित शिक्षक नहीं है तो वह रीजनल सेंटर से समन्वय स्थापित करके वहां पर नया कोर्स शुरू कर कर सकता है. ऐसे केंद्रों पर रीजनल सेंटर से परीक्षक उपलब्ध करा दिए जाएंगे.
दूसरे राज्यों के ओपन यूनिवर्सिटी से समन्वय स्थापित कर शुरू होंगे कई भाषाई कोर्स :विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं और बोलियां से जुड़े कोर्स को शुरू करेगा. इसके लिए पहले चरण में कुछ डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स शुरू होंगे. अगले सत्र से इसमें स्नातक व परास्नातक स्तर के कोर्सेज शुरू किए जाएंगे. इसके अलावा देश के दूसरे राज्यों में चल रही ओपन यूनिवर्सिटी के साथ विश्वविद्यालय समन्वय स्थापित करेगा और उनके यहां चल रहे कोर्सेज के सिलेबस को अपने यहां शामिल करेगा.
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