उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बनारस के इस कुंड में स्नान से होती है संतान की प्राप्ति, तमाम रोगों से मिलता है छुटकारा - Lolark Kund of Kashi

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर लोलार्क कुण्ड में रविवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी गई. ऐसी मान्यता है कि लोलार्क कुंड में स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है. इस कुंड को सूर्य कुंड के नाम से भी जाना जाता है.

Etv Bharat
बनारस का लोलार्क कुंड (photo credit- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2024, 10:57 AM IST

Updated : Sep 9, 2024, 11:19 AM IST

लोलार्क कुंड में स्नान का है अलग महत्व. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी:धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में श्रद्धा का जन सैलाब देखने को मिला. भाद्रपद शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर आज लोलार्क कुण्ड वाराणसी में आस्थावानों की भीड़ उमड़ पड़ी. देश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालुओं ने शहर के भदैनी में स्थित पौराणिक लोलार्क कुंड में आस्था की डुबकी लगाई. ऐसी मान्यता है कि कुंड में स्नान करने और लोलार्केश्वर महादेव की पूजा करने से संतान की प्राप्ति और तमाम रोगों से मुक्ति मिलती है.

वाराणस्यामुषित्वापि यो लोलार्कं न सेवते ।
सेवंते तं नरं नूनं क्लेशाः क्षुद्व्याधिसंभवाः ।।

लोलार्क काशी के समस्त तीर्थों में प्रथम शिरोदेश भाग है और दूसरे तीर्थ अन्य स्थलों के समान है; क्योंकि सभी तीर्थ असि के जल से धोए गये हैं. आज लोलार्क छठ है. दूर-दूर से लोग इस कुंड में नहाने के लिए आते हैं. ऐसी मान्यता है, आज के दिन स्नान करने से संतान और पुत्र की प्राप्ति होती है. यही वजह है, कि लोग स्नान कर रहे हैं. इस बार भगवान रुला केश्वर महादेव का दर्शन श्रद्धालुओं को नहीं करने दिया जा रहा है. ये प्रशासन का आदेश है. बाकी स्नान दूर से ही शुरू हो गया है.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम : काशी के लोलार्क कुंड में स्नान के लिए भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है. मजिस्ट्रेट भी तैनात किये गए हैं. सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात हैं. पेयजल, बिजली सहित श्रद्धालुओं के अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है. मध्य रात्रि 12 बजे से ही लोग लोलार्क कुंड में स्नान करने के लिए लाइन लगा लगाकर खड़े थे.

ये है कहानीःमान्यता है, कि भगवान सूर्य ने कई वर्षों तक यहां तपस्या की थी और शिवलिंग की स्थापना की थी. यह शिवलिंग आज भी मौजूद है. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है, कि भगवान सूर्य का रथ का पहिया फंस गया था, जिसकी वजह से इस कुंड का निर्माण हुआ. सिलापट्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल स्थित बिहार ट्रस्ट के एक राजा चर्म रोग से पीड़ित थे और निसंतान थे. यहां स्नान करने से न केवल उनका चर्म रोग ठीक हुआ, बल्कि उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई. इसके बाद उन्होंने इस कुंड का निर्माण कराया था. इस कुंड को सूर्य कुंड के नाम से भी जाना जाता है.

इसे भी पढ़े-अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का गवाह है यूपी का यह गणेश मंदिर, ब्रिटिश हुकूमत से छिपाकर कराया गया था निर्माण, पूरी होती है हर मुराद - ganesh chaturthi 2024

पौराणिक मान्यता :देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में भगवान सूर्य अपने द्वादश (12) स्वरूपों में विराजमान है. इन द्वादश आदित्यों की वार्षिक यात्रा और इनके समीपवर्ती कुण्ड स्नान-दान की महत्ता काशीखण्ड में विस्तार से वर्णित है. काशी में मास के प्रत्येक रविवार को कुण्ड स्नान-दान एवं दर्शन-पूजन तथा यात्रा स्थान का अपना अलग अलग माहात्म्य भी वर्णित है.

अजहुं लोलारक कुण्ड में, प्रति रविवार नहाय।
पार्वाह इच्छित फल सबै, कुष्ठादिकहि नसाय ॥

काशीपुरी के द्वादश आदित्यों में से एक लोलार्क आदित्य इनके दर्शन-पूजन का महत्व एवं समीपवर्ती लोलार्क कुण्ड में स्नान-दान का महत्व

देवाधिदेव महादेव ने स्वकार्यवश श्रीसूर्यदेव को काशी भेजा. आदित्य भगवान का मन काशी के दर्शन में अत्यन्त लोल (चंचल) हो गया था. इसी से वहां पर सूर्य का नाम लोलार्क पड़ गया. काशीक्षेत्र के दक्षिण दिशा में असि-संगम के समीप ही लोलार्क विराजमान हैं. उनके द्वारा काशीवासियों का सदा योगक्षेम होता रहता है.

कठिन तपस्या : वंश वृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए लोग आज के दिन इस कुंड में नहाते हैं. कुंड में नहाते समय पति पत्नी साथ में रहते हैं और हाथ में एक फल लेकर स्नान किया जाता है. स्नान के बाद शरीर पर जो भी वस्त्र रहते हैं, उसे यहीं त्याग दिया जाता है. जिस फल को लेकर दंपत्ति स्नान करता है जीवन भर उस फल का सेवन वर्जित होता है.

महिला पुलिस अधिकारी अनीता ने बताया, कि रात 12:00 बजे से श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं. बहुत लंबी लाइन लगी हुई है. यहां से लगभग गोदौलिया तक लाइन लगी हुई है. वहीं श्रद्धालुओं की बात करें तो बिहार छत्तीसगढ़ झारखंड से भी श्रद्धालु यहां पर आए हैं. काफी सकरा रास्ता है. पीएसी स्थानीय पुलिस मजिस्ट्रेट की नियुक्ति है. शांतिपूर्ण तरीके से लोगों को स्नान कराया जा रहा है. यह स्नान देर शाम तक चलेगा. सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

सोनू झा ने बताया, कि आज के दिन यहां पर स्नान करने से की संतान और संपत्ति की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही जिसे पुत्र नहीं होता है वह इसमें स्नान करता है और उसे पुत्र भी होता है. लोगों की अपनी अपनी श्रद्धा है. सुबह से ही लाखों की संख्या में कई लोग अब तक यहां पर स्नान कर चुके हैं.

यह भी पढ़े-राम मंदिर में उत्सव के लिए बनाई जाएगी नई समिति, वैदिक आचार्य और धर्माचार्य होंगे सदस्य - Ram Janmabhoomi Trust

Last Updated : Sep 9, 2024, 11:19 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details