रायगढ़: रायगढ़ लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ का अहम सीट माना जाता है. इसका आधा भाग बिलासपुर संभाग और आधा भाग सरगुजा संभाग में पड़ता है. कुल आठ विधानसभा सीटों से मिलकर यह लोकसभा सीट बना है. इसमें जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव. लैलूंगा, रायगढ़, सारंगढ़, खरसिया और धरमजयगढ़ शामिल है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से हमेशा से कांटे की टक्कर रही है. लेकिन 1999 लोकसभा चुनाव से लेकर साल 2019 के लोकसभा चुनाव तक यहां बीजेपी का कब्जा रहा. बीजेपी ने इस सीट से राधेश्याम राठियों को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने रायगढ़ से मेनका देवी सिंह को टिकट दिया है.
1999 से अब तक रायगढ़ सीट पर बीजेपी का रहा कब्जा: 1999 के लोकसभा चुनाव से लेकर साल 2019 के लोकसभा चुनाव तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. लगातार पांच बार से रायगढ़ लोकसभा सीट पर चुनाव में बीजेपी जीत दर्ज करती आ रही है. इस बार यहां से सांसद गोमती साय ने सांसद पद से इस्तीफा देकर विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने का काम किया. गोमती साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में पत्थलगांव सीट से जीत दर्ज की.
साल 2009 से साल 2019 में हुए आम चुनाव के नतीजे: साल 2009 में रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में कुल 1432746 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 935746 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विष्णु देव साय जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 443948 वोट हासिल हुए. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार हृदयराम राठिया कुल 388100 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. इसी तरह साल 2014 के लोकसभा चुनाव में रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में कुल 1626949 मतदाता थे. वैध वोटों की कुल संख्या 1217706 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार विष्णु देव साय जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 662478 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार आरती सिंह कुल 445728 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रायगढ़ संसदीय क्षेत्र में कुल 1733805 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 1334395 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार गोमती साई जीतकर सांसद बनीं. उन्हें कुल 658335 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार लालजीत सिंह राठिया कुल 592308 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.