शिमला:देशभर में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में आखिरी 7वें चरण में 1 जून को लोकसभा चुनाव होंगे. वहीं, चुनाव आदर्श आचार संहिता लगने के बाद सभी तरह के लाइसेंस हथियारों को राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर संबंधित थानों में जमा करवाया जाता है. राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में लोगों के पास बंदूक, पिस्टल और राइफल के तौर पर 97303 लाइसेंसी हथियार हैं.
चुनाव के दौरान जमा करवाए गए हथियार
साल 2014 में लोकसभा चुनाव के समय हिमाचल प्रदेश में जितने लाइसेंसी हथियार थे, उनमें से 36,793 लाइसेंसी हथियार संबंधित थानों में जमा करवाए गए थे. वहीं, ये आंकड़ा साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बढ़कर 81,261 हो गया. मात्र चार सालों के अंतराल में चुनाव के दौरान जिला थानों में जमा लाइसेंसी हथियारों का आंकड़ा 44,468 तक बढ़ गया. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हिमाचल में 85,572 लाइसेंसी हथियार संबंधित जिला थानों में जमा करवाए गए. जबकि साल 2022 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश में 88,405 लाइसेंसी हथियार जमा करवाए गए हैं.
हिमाचल में चुनाव के दौरान जमा करवाए गए हथियार 8 साल में दोगुना से ज्यादा हुआ आंकड़ा
हिमाचल प्रदेश में 2014 से 2022 के अंतराल में लाइसेंसी हथियारों का आंकड़ा दोगुना से ज्यादा हो गया है. पूरे प्रदेश के लाइसेंसी हथियारों की संख्या राज्य निर्वाचन आयोग के पास मौजूद होती है. इन्हीं आंकड़ों के मुताबिक 2022 के विधानसभा चुनाव में हिमाचल में लोगों के पास कुल 97303 लाइसेंसी हथियारों थे, लेकिन इन में से सिर्फ 88405 हथियार ही थानों में जमा कराए गए थे. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनावों के आंकड़ों के बाद ये संख्या लाख तक भी पहुंच सकती है. मौजूदा समय में हिमाचल में औसत देखा जाए तो हर 71वें व्यक्ति के पास बंदूक, पिस्टल और राइफल मौजूद है.
किन क्षेत्रों में इस्तेमाल हो रहे लाइसेंसी वेपन
हिमाचल प्रदेश की 90 आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है. प्रदेश में लोग मुख्यतः खेती-बाड़ी और बागवानी से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा प्रदेश में जंगलों का क्षेत्र भी काफी ज्यादा है. ऐसे में फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए भी किसानों द्वारा लाइसेंसी हथियार इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन, शूटिंग स्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ी और स्टेट्स सिंबल के तौर पर भी लोगों द्वारा लाइसेंसी वेपन के लिए आवेदन किया जाता है. लाइसेंस हथियारों के मामले में हिमाचल प्रदेश देश में चौथे नंबर पर आता है.
'चुनाव आयोग के पास जमा किए गए हथियारों का ब्यौरा मौजूद होता है. हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान ये कसरत की जाती है.'- मनीष गर्ग, मुख्य निर्वाचन अधिकारी
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