लखनऊ:उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बचे हुए टिकट को लेकर बहुत जल्दी इंतजार पूरा होने वाला है.नवरात्र मंगलवार से शुरू हो चुके हैं. नवरात्र में कभी भी भाजपा अपने बचे हुए 12 टिकटों का एलान कर देगी.बची हुई सीटों में से एक सीट मैनपुरी की भी है. मैनपुरी में तीसरे चरण में चुनाव है, जहां 12 से 19 अप्रैल के बीच में नामांकन होगा. इसलिए माना जा सकता है कि नवरात्र में ही टिकट घोषित हो जाएंगे. बीजेपी के 12 नेताओं का भविष्य दांव पर है जो कि वर्तमान सांसद हैं. इसके अलावा अनेक नेता जो कि इन टिकट के लिए दावेदार हैं उनकी भी धुकधुकी बढ़ी हुई है कि, आखिरकार कब पार्टी नेतृत्व ये 12 टिकट घोषित करके अगले चुनाव अभियान में जुट जाएगा.
बीजेपी के 12 नेताओं का भविष्य दांव पर है जो कि वर्तमान सांसद हैं. बता दें कि भाजपा अपने कोटे की 75 सीटों में अब तक 63 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. शेष 12 सीटों पर उम्मीदवार तय करने हैं. इनमें मैनपुरी, रायबरेली, गाजीपुर, बलिया, भदोही, मछलीशहर, प्रयागराज, फुलपुर, कौशांबी, देवरिया, फिरोजाबाद और कैसरगंज सीटें शामिल हैं. इन सीटों पर उम्मीदवार तय करने को लेकर भाजपा के सबसे बड़ी उलझन जीताऊ चेहरा तय करने को लेकर है. वहीं, भाजपा पिछली बार जिन तीन सीटों रायबरेली, गाजीपुर मैनपुरी में चुनाव हार चुकी है, उन सीटों पर इस बार हर हाल में चुनाव जीतना चाहती है. इसलिए भी उम्मीदवार तय करने में जल्दबादी नहीं करना चाहती है.
प्रयागराज सीट भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. रायबरेली सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने लगभग तय कर लिया है कि यहां किसी ब्राह्मण चेहरे को चुनाव में उतारा जाएगा. माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी का इस सीट से चुनाव लड़ना लगभग फाइनल हो चुका है. इसलिए भाजपा अपने किसी पुराने ब्राह्मण कार्यकर्ता को यहां से उतारेगी. समाजवादी पार्टी के विधायक जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन किया था, उन मनोज पांडेय के भी लड़ने की चर्चा की जा रही है. मगर अब तक वे भाजपा में शामिल भी नहीं हुए हैं. इसके अलावा प्रियंका गांधी के लड़ने की दशा में मनोज पांडेय के लड़ने की संभावना कम है.
बीजेपी को 12 सीटों पर उम्मीदवार तय करने हैं पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने जो 13 टिकट घोषित किए थे. उसमें सहारनपुर से राघव लखन पाल को, मुरादाबाद से सर्वेश सिंह को, मेरठ से अरुण गोविल को, गाजियाबाद से अतुल गर्ग को, अलीगढ़ से सतीश गौतम को, हाथरस से अनूप बाल्मीकि को, बदायूं से दुर्विजय सिंह शाक्य को, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार, पीलीभीत से जितिन प्रसाद, सुल्तानपुर से मेनका गांधी, कानपुर से रमेश अवस्थी, बाराबंकी से राजरानी रावत और बहराइच से डॉक्टर अरविंद गोंड को टिकट दिया गया था. जबकि पहले चरण में बीजेपी ने कुल 51 टिकट दिए थे. जिनमें से 47 वर्तमान सांसदों को टिकट दिया गया था.
कहा जा रहा है कि नवरात्र में ही टिकट घोषित हो जाएंगे. कैसरगंज सीट पर अभी भी पेंच फंसा, बृजभूषण को मिल सकता है टिकट: अत्यधिक विवादित गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है. पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोपित बृजभूषण शरण सिंह का टिकट बच सकता है इसलिए इसको अभी घोषित नहीं किया गया है. पहले चर्चा हो रही थी कि उनकी पत्नी केतकी सिंह को यहां से टिकट दिया जा सकता है.
बीजेपी 75 सीटों में अब तक 63 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है प्रयागराज सीट भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यहां सबसे आगे जो नाम चल रहा है, वह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी की पत्नी अभिलाषा नंदी का है. रीता बहुगुणा जोशी का टिकट लगभग कट चुका है. ऐसे में अभिलाषा नदी यहां की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही है. गाज़ीपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी में रहस्यमय मंथन चल रहा है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए यह सीट बहुत महत्वपूर्ण हो गई है. यहां एक नाम ऐसा चल रहा है जिसको लेकर सभी और आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. कांग्रेस के एक बड़े नेता को भारतीय जनता पार्टी अपने दल में शामिल करके इस सीट से चुनाव लड़ा सकती है. दूसरी जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा का नाम भी अचानक लाइमलाइट में आ चुका है.
दूसरी और बलिया सीट भी हॉट सीट बन चुकी है. यहां भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर का नाम चर्चा में सबसे आगे चल रहा है. नीरज शेखर के लिए भारतीय जनता पार्टी के कई मजबूत क्षत्रिय नेता बैटिंग कर रहे हैं.
मैनपुरी सीट पर दो नाम चल रहे हैं. जिनमें पहला नाम बदायूं की संसद संघमित्रा मौर्य का चल रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा मौर्य का टिकट बदायूं से काट दिया गया था. दूसरा नाम वर्तमान पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का भी तेजी से प्रसारित किया जा रहा है. मैनपुरी में नामांकन 12 से 19 अप्रैल के बीच भरे जाएंगे. इसलिए यहां के टिकट का इंतजार किया जा रहा है.
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