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BSP के नेताओं के संपर्क में स्वामी प्रसाद मौर्य, हो सकती है पार्टी में वापसी! - lok sabha election 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान एक बड़ी खबर (lok sabha election 2024) सामने आ रही है. सियासी गलियारों में स्वामी प्रसाद मौर्य के बसपा में शामिल होने को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं.

बसपा सुप्रीमो मायावती व स्वामी प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो)
बसपा सुप्रीमो मायावती व स्वामी प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो) (फोटो क्रेडिट : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 4, 2024, 10:41 PM IST

लखनऊ : अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में एक नई पार्टी भी बना ली थी, लेकिन इस पार्टी का उन्हें फिलहाल कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है. सूत्रों के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी में अपनी वापसी को लेकर कोशिशों में जुट गए हैं.

सूत्रों के मुताबिक, जल्द स्वामी प्रसाद की घर वापसी हो सकती है और बसपा सुप्रीमो पार्टी उनका वेलकम कर सकती हैं. आठ साल पहले टिकट के लिए पैसे सिंडिकेट का आरोप लगाकर बीएसपी के लिए मुसीबत खड़ी करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की वापसी होती है तो पार्टी के पुराने नेताओं के लिए भी पार्टी में रास्ते खुल सकते हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य से जुड़े बेहद करीबी सूत्रों ने "ईटीवी भारत" को जानकारी दी है कि बसपा में उनकी वापसी की तैयारी अंतिम दौर में है. हालांकि, अभी स्वामी प्रसाद की बीएसपी सुप्रीमो से मुलाकात नहीं हो पाई है, लेकिन उच्च पदस्थ पदाधिकारियों से बात फाइनल हो गई है. एक से दो दिन में बीएसपी सुप्रीमो से मुलाकात कर स्वामी प्रसाद मौर्य वापस बीएसपी में शामिल हो सकते हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य की गिनती उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती रही है. वे पांच बार विधायक रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी की तरफ से नेता सदन भी रहे, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी में रहते हुए ही 22 जून 2016 को टिकट के लिए पैसे सिंडिकेट का आरोप लगाकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. इस दावे के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने उस दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका खंडन किया और स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा था.

इसके बाद जुलाई 2016 में स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोकतांत्रिक बहुजन मंच नामक अपनी संगठनात्मक इकाई के गठन की घोषणा की, जिसे लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर रैली मैदान में लॉन्च किया गया था. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने राजनीतिक करियर को देखते हुए मार्च 2017 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद अपने लिए सेफ सीट सुरक्षित कर ली. योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

11 जनवरी 2022 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने विधानसभा चुनाव से ठीक एक माह पहले योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के कैबिनेट मंत्री पद के साथ-साथ बीजेपी से भी इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सभी वर्गों के साथ अन्याय कर रही है. बीजेपी से इस्तीफे के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उनके गढ़ पडरौना से उन्हें टिकट नहीं दिया. इसकी जगह फाजिलनगर से चुनाव लड़ने के लिए कहा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी से स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव हार गए. हालांकि चुनाव हारने के बावजूद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य का मन ज्यादा दिन समाजवादी पार्टी में नहीं लगा.

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20 फरवरी 2024 को एमएलसी पद और समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और 22 फरवरी 2024 को दिल्ली में राष्ट्रीय संगठन समाज पार्टी के अध्यक्ष बन गए. अब इस पार्टी से भी स्वामी प्रसाद मौर्य को कोई लाभ होता नजर नहीं आ रहा है. लिहाजा, एक बार फिर उन्होंने बसपा की ओर रुख करने का मन बनाया है. इसके लिए बीएसपी सुप्रीमो मायावती से जल्द उनकी मुलाकात होने की संभावना है. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य फिर से बीएसपी में शामिल हो सकते हैं.

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राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं. लगातार सनातन धर्म और रामचरितमानस पर विवादित बयान के चलते चर्चा में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को अब जनसभा संबोधित करने में भी दिक्कतें आ रही हैं. एक दिन पहले ही उन पर एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान जूता फेंका गया था. इससे पहले भी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य पर धार्मिक ग्रंथ पर टिप्पणी को लेकर मुकदमे होते रहे हैं. अब बहुजन समाज पार्टी में शामिल होकर वे खुद को एक बार मजबूती से स्थापित करना चाहते हैं.

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