उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

एक क्लिक में जानें- मिर्जापुर लोकसभा सीट की लड़ाई, क्या अनुप्रिया पटेल तोड़ेंगी रिकॉर्ड? जीत की लगाएंगी हैट्रिक - MIRZAPUR LOK SABHA SEAT Voting - MIRZAPUR LOK SABHA SEAT VOTING

मिर्जापुर जनपद में एक जून यानी कल मतदान है. कुल 10 प्रत्याशी मैदान में हैं. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं तो वहीं तीन बार के विधायक और सांसद रमेश चंद बिंद बीजेपी को छोड़कर सपा के टिकट पर मैदान में हैं. इस सीट का अब तक का रिकॉर्ड रहा है कि कोई भी नेता लगातार तीन बार नहीं जीता है. आईए जानते हैं इस बार क्या समीकरण हैं, क्या अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल इस रिकॉर्ड को तोड़कर जीत की हैट्रिक लगाएंगी.

Etv Bharat
मिर्जापुर लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat Archive)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 20, 2024, 8:21 PM IST

Updated : May 31, 2024, 11:18 AM IST

मिर्जापुर: मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के साथ ही भारत की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 1952 से लेकर अब तक यहां पर 7 बार कांग्रेस, 4 बार समाजवादी पार्टी, 2 बार बहुजन पार्टी, 2 बार बीजेपी, 2 बार अपना दल, एक बार भारतीय जनसंघ, एक बार जनता पार्टी, एक बार जनता दल ने जीत दर्ज की है. कोई भी लगातार 3 बार इस सीट से सांसद नहीं बना है. यानि कि यहां से किसी नेता की हैट्रिक नहीं लगी है.

मिर्जापुर में क्या-क्या है खास: धार्मिक और प्रकृतिक दृष्टि से मिर्जापुर जनपद अपने में परिपूर्ण है. आज भी यहां विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में मां विंध्यवासनी मंदिर और चुनार का किला और विंढम फाल जैसे स्थान है, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से पूर्वाचल ही नहीं प्रदेश भर में जाना जाता है. धार्मिक स्थल का विकास होना शुरू हो गया है. मां विंध्यवासनी मंदिर का कायाकल्प हो गया है. विंध्य कॉरीडोर का निर्माण हो जाने से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है तो वहीं विंढम फाल जैसे दर्जनों झरने आज भी वैसे ही हैं जैसे आजादी के समय थे.

किसी भी सांसद ने नहीं कराया समुचित विकास:किसी भी राजनीतिक दल और नेता ने समुचित विकास की ओर ध्यान ही नहीं दिया. छोटे-मोटे उद्योग जो पहले संचालित होते थे वह आज बंद होने के कगार पर हैं. चाहे वह कालीन हो या पीतल बर्तन या चुनार का पॉटरी उद्योग. हालांकि तीनों उद्योग को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कई बार कोशिश की. मगर अभी लाभ नहीं मिल रहा है. हाईवे की सड़को को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का हालत खस्ता है.

मिर्जापुर लोकसभा सीट पर कौन से मुद्दे हावी:शिक्षा के क्षेत्र में भी विकास हुआ है. मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज और केंद्रीय विद्यालय चल रहे हैं, विश्वविद्यालय का भी शिलान्यास कर दिया गया है. मिर्जापुर लोकसभा सीट पर इस चुनाव में बाहरी, बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा देखा जा रहा है.

फूलन देवी दो बार मिर्जापुर से जीतकर पहुंची थीं संसद:उत्तर प्रदेश में कुल 80 संसदीय सीटें हैं. मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र 5 विधानसभा क्षेत्र मिलकर बना है. इस सीट से दस्यु सुंदरी फूलन देवी और दस्यु ददुवा के भाई बालकुमार पटेल भी जीत दर्ज कर चुके हैं. 1952 से लेकर अब तक यहां पर सात बार कांग्रेस, चार बार समाजवादी पार्टी, दो बार बहुजन पार्टी, दो बार बीजेपी, दो बार अपना दल, एक बार भारतीय जनसंघ, एक बार, जनता पार्टी, एक बार जनता दल ने जीत दर्ज की है.

अब तक मिर्जापुर में नहीं लगी जीत की हैट्रिक:जॉन एन विल्सन 1952 और 57 में कांग्रेस से, श्याम धर मिश्रा 1962 में कांग्रेस से, वंश नारायण सिंह 1967 में भारतीय जन संघ से, अजीज इमाम 1971 में कांग्रेस से, फकीर अली अंसारी 1977 में जनता पार्टी से, अजीज इमाम 1980 में कांग्रेस से, उमाकांत मिश्र 1981 कांग्रेस से, उमाकांत मिश्र 1984 कांग्रेस से, यूसुफ बेग 1989 में जनता दल से, बिरेन्द्र सिंह 1991 में भाजपा से, फूलन देवी 1996 में सपा से, बिरेन्द्र सिंह 1998 में भाजपा से, फूलन देवी 1999 में सपा से, रामरती बिन्द 2002 सपा से, नरेंद्र कुशवाहा 2004 में बसपा से, रमेश दुबे 2007 में बसपा से, बालकुमार पटेल 2009 में सपा से, अनुप्रिया पटेल 2014 में अपना दल से और अनुप्रिया पटेल 2019 में अपना दल सोनेलाल से जीत दर्ज की है.

मिर्जापुर का क्या है जातीय समीकरण:मिर्जापुर लोकसभा सीट मिर्जापुर भदोही सीट से 2009 में कट कर मिर्जापुर लोकसभा के नाम हो जाने से कुर्मी बाहुल्य इलाका हो गया. पहले मिर्जापुर भदोही लोकसभा सीट के नाम से था, दोनों जनपद शामिल थे. 2009 से मिर्जापुर भदोही अलग-अलग लोकसभा बन गई.

सभी पार्टियां जातीय समीकरण को देखते हुए यहां पर टिकट देती हैं. जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां पर एक लाख 50 हजार ब्राह्मण, एक लाख 50 हजार वैश्य, 90 हजार क्षत्रिय, एक लाख 25 हजार कोल, 3 लाख 50 हजार पटेल, अन्य ओबीसी तीन लाख, तीन लाख दलित, एक लाख 50 हजार मुस्लिम, एक लाख 50 हजार मौर्य कुशवाहा, एक लाख यादव, एक लाख 50 हजार बिंद केवट हैं.

मिर्जापुर लोकसभा सीट में पांच विधानसभा हैं. मिर्जापुर सदर, चुनार, मझवा, मड़िहान और छानबे विधानसभा. इसमें से तीन सीट पर भारतीय जनता पार्टी, एक सीट पर निषाद पार्टी एक सीट पर अपनादल एस के पास है. यहां पर तीन नगर पालिका एक नगर पंचायत है.

नगर पालिका मिर्जापुर नगर पालिका चुनार, नगर पालिका अहरौरा और नगर पंचायत कछवा है, चुनार नगर पालिका में कांग्रेस का कब्जा है. बाकी पर बीजेपी है. 809 ग्राम सभा है. मिर्जापुर जनपद की 30 लाख आबादी है, जेंडर रेशियो की बात किया जाए तो यहां पर 907 है.

लोकसभा चुनाव 2024 में मतदाताओं की बात की जाए तो यहां पर कुल 1903640 मतदाता हैं, जिसमें पुरुष 998023 हैं तो महिला 905548 हैं. थर्ड जेंडर मतदाता 69 हैं. 18 से 19 वर्ष के 27353 मतदाता हैं, दिव्यांग मतदाता की बात की जाए तो 15168 हैं वहीं 85 प्लस मतदाता 16227 हैं.

मिर्जापुर जनपद में एक जून को मतदान होगा. कुल 10 प्रत्याशी मैदान में है. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं तो वहीं तीन बार के विधायक और सांसद रमेश चंद बिंद बीजेपी को छोड़कर सपा के टिकट पर मैदान में हैं.

साथ ही बहुजन समाज पार्टी ने मनीष त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं अपना दल कमेरावादी ने दौलत सिंह पटेल को मैदान उतरा है. इसके साथ ही 6 प्रत्याशी और हैं जो चुनावी रण में हैं.

मिर्जापुर एक जर्नल सीट है.यहां पर अपना दल सोनेलाल पार्टी से वर्तमान में अनुप्रिया पटेल सांसद हैं. अनुप्रिया पटेल ने 2019 लोकसभा के चुनाव 232,008 वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज की थी. अनुप्रिया पटेल को 591,564 वोट मिले थे, तो समाजवादी पार्टी के रामचरित्र निषाद को 359,556 वोट मिले थे. कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी को 91,501 वोट से संतोष करना पड़ा था.

ये भी पढ़ेंःयूपी के इस गांव ने रचा इतिहास; 100% मतदान, बेंगलुरु-इंदौर से प्लेन-बस से बुलवाए 32 वोटर

ये भी पढ़ेंःभीषण गर्मी से राहत के लिए अलीगढ़ नगर निगम ने कराई बारिश, लोगों ने ली राहत की सांस

Last Updated : May 31, 2024, 11:18 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details