जयपुर. राज्य के बड़े लोकसभा क्षेत्र में शुमार बाड़मेर-जैसलमेर सीट अब राजस्थान की ही नहीं बल्कि देश की चुनिंदा हॉट सीट में से एक बनती जा रही ही है. थार वाले क्षेत्र में इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की बढ़ती स्थिति ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. 26 साल के एक युवा नेता रविंद्र भाटी ने निर्दलीय चुनाव के ऐलान के साथ जिस तरह से जनसमर्थन हासिल किया, उसके बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों की नींद उड़ गई. इस सीट पर अब कांग्रेस और भाजपा ने अपनी ताकत झोंक दी. ऐसा नहीं है ये सीट पहली बार सुर्खियों में रही है, इससे पहले इस सीट पर निर्दलीयों ने सियासी पारे को गर्म किया और दिल्ली तक बैठे नेताओं को बॉडर के इस अंतिम छोर पर आने को मजबूर किया.
सता रहा है डर :बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट इस बार देश की सबसे हॉट सीट बनी हुई है. त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी सीट को जीतने के लिए बीजेपी कांग्रेस के बड़े-बड़े सियासी सुरमा जोर आजमाइश में जुटे हैं. दरअसल, शिव से बीजेपी समर्थित निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. भाटी के समर्थन में उमड़ रहे जन सैलाब ने बीजेपी और कांग्रेस की नींद उड़ा दी है. बीजेपी से मौजूदा केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी चुनावी मैदान में हैं तो बायतु से हरीश चौधरी के सामने आरएलपी से चुनाव लड़े उम्मेदाराम बेनीवाल बेनीवाल अब कांग्रेस के रथ पर सवार हैं. बाड़मेर जैसलमेर में बीजेपी को अपना कोर बैंक फिसलने को लेकर डर सता रहा है. ऐसे में बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने बाड़मेर जैसलमेर में डेरा डाल दिया है.
बागी होकर चुनाव लड़े और जीते : सीएम भजनलाल शर्मा ने पीएम मोदी की रैली से पहले 2 दिन तक बाड़मेर में तमाम जाती समाजों के प्रमुखों के साथ संवाद कर भाजपा के पक्ष में लामबंद होने की अपील की. पीएम मोदी ने इस सीट पर जनसभा कर बाड़मेर-जैसलमेर के इतिहास को याद किया और भाजपा के पक्ष में वोट की अपील की. दरअसल, राजपूत समाज से आने वाले रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी से बागी होकर शिव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीते. भाटी ने बीजेपी वोटर्स में ऐसी सेंधमारी की, जिससे बीजेपी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा पाए. ऐसे में लोकसभा चुनाव में अब रविंद्र भाटी बीजेपी के कोर वोटर्स में सेंधमारी नहीं करें, इसके लिए बीजेपी ने अलग-अलग जातियां समाजों के प्रमुख जनप्रतिनिधि और नेताओं के लवाजमे को चुनावी में मैदान में उतार रखा है. वहीं, कांग्रेस बीजेपी के वोटों के ध्रुवीकरण, जाट, एससी और अल्पसंख्यक मतदाताओं के सहारे बीजेपी की हैट्रिक को रोकने का दंभ भर रही है.