लखनऊ:How Many Seats BJP Samajwadi Party Congress Get:लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण का मतदान यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर संपन्न हो गया. 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले चौथे चरण की तुलना में इस बार मतदान फीसद लगभग बराबर रहा. 2019 में इन 13 सीटों पर 58.75 फीसद मतदान हुआ था. भाजपा ने इतने मतदान में 13 की 13 सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं इस बार 58.05 मतदान हुआ है, जो मामूली कम रहा.
2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार के चुनाव में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. पिछले चुनाव में एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन था और राष्ट्रीय लोकदल भी सहयोगी दल के रूप में साथ था तो इस बार सियासी समीकरण काफी बदले हुए हैं.
इस बार के चुनाव में समाजवादी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ हुआ है. वहीं बहुजन समाज पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है और खेल बिगाड़ने की भरपूर कोशिश की है. जबकि राष्ट्रीय लोक दल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी राजग के साथ चुनाव मैदान में है.
कई सीटों पर इंडी गठबंधन के उम्मीदवार बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी के हाथी की रफ्तार भले बढ़ाने की कोशिश हुई, लेकिन इंडी गठबंधन की उम्मीदवारों की राह मुश्किल करने की बात हर जगह खुलकर हुई तो जनता ने भाजपा और इंडी गठबंधन के बीच चुनाव करने का फैसला किया.
अधिकतर सीटों पर बसपा सिर्फ चुनाव मैदान में नजर आई लेकिन, कहीं पर अच्छी टक्कर देते हुए नहीं नजर आई. भाजपा और इंडी गठबंधन के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली. कई जगह पर बहुजन समाज पार्टी का चुनाव कराने के लिए लगने वाले बस्ते तक भी नहीं नजर आए.
कन्नौज लोकसभा सीट पर किसको मिल रही बढ़त:समाजवादी पार्टी के कभी गढ़ रहे कन्नौज में भी दिलचस्प लड़ाई देखने को मिली है. अखिलेश यादव के पक्ष में यहां सियासी समीकरण बदल सकते हैं जबकि लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी की जनता में नाराजगी के चलते चुनाव परिणाम भी वहां पर बदले हुए नजर आ सकते हैं.
चौथे चरण के मतदान में सबसे चर्चित सीट कन्नौज लोकसभा रही है. यहां पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इंडी गठबंधन के प्रत्याशी रहे हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी से सुब्रत पाठक चुनाव मैदान में हैं. पाठक उपचुनाव जीतकर कन्नौज में भगवा फहराने का काम किए थे.
इस चुनाव में अखिलेश यादव और सुब्रत पाठक के बीच सीधी लड़ाई देखने को मिली. बहुजन समाज पार्टी यहां अपना अस्तित्व बचाने के लिए चुनाव लड़ती हुई दिखी. भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट देने के लिए पहुंचने वाले मतदाताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आकर्षण नजर आया.
वहीं कुछ जगहों पर सत्ता विरोधी लहर का भी असर देखने को मिला. कन्नौज लंबे समय तक समाजवादी पार्टी की परंपरागत सीट रही है. ऐसे में अखिलेश यादव के खुद चुनाव लड़ने से यहां पर सियासी समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में जा सकते हैं.
कानपुर लोकसभा सीट पर किसको मिल रही बढ़त:कानपुर लोकसभा सीट पर भी लड़ाई दिलचस्प रही है. यहां पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के बीच टक्कर देखने को मिली है. बीजेपी ने यहां से रमेश अवस्थी व कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को चुनाव मैदान में उतारा है.
इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी को लेकर मतदाताओं में कोई उत्साह नहीं दिखा. शहरी मतदाताओं में मतदान को लेकर बहुत उत्साह देखने को नहीं मिला. हालांकि 50% के आसपास मतदान हुआ है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों चुनाव जीतने के दावे कर रही हैं. जीत के अंतर में काफी उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है.
सीतापुर लोकसभा सीट पर किसको मिल रही बढ़त:सीतापुर लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार राजेश वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है. सत्ता विरोधी लहर सीतापुर में भी देखने को मिली है. कई जगहों पर भाजपा प्रत्याशी के पिछले काफी समय से लगातार एक ही चेहरा देखने की वजह से मतदाताओं में नाराजगी देखने को मिली है.
जातीय समीकरण को देखते हुए यहां पर इंडी गठबंधन के अंतर्गत कांग्रेस प्रत्याशी राकेश राठौर कई जगहों पर अच्छा चुनाव लड़ते हुए नजर आए हैं. बीजेपी के राजेश वर्मा व कांग्रेस के राकेश राठौर के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली है. यहां पर चुनाव परिणाम में बदलाव देखने को मिल सकता है.
हरदोई लोकसभा सीट पर किसको मिल रही बढ़त:हरदोई लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर अपने वर्तमान सांसद जयप्रकाश रावत को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं समाजवादी पार्टी ने ऊषा वर्मा को टिकट दिया. सपा और बीजेपी के बीच यहां पर सीधी लड़ाई देखने को मिली है.
जयप्रकाश रावत की क्षेत्र में उपलब्धता को लेकर मतदाताओं में गुस्सा भी नजर आया. वहीं ऊषा वर्मा पिछले दो लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना कर चुकी हैं. उनकी तरफ से इस चुनाव को आखिरी चुनाव की बात कहकर मतदाताओं से भावनात्मक अपील भी की गई थी. यहां पर चुनाव परिणाम में फेरबदल भी संभव है.
मिश्रिख लोकसभा सीट पर किसको मिल रही बढ़त:हरदोई सीतापुर और कानपुर जिलों की विधानसभा सीटों को मिलाकर बनाई गई मिश्रिख लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी अशोक रावत व गठबंधन प्रत्याशी संगीता राजवंशी के बीच जमकर मुकाबला देखने को मिला है.
संगीता राजवंशी को टिकट आखिरी समय में मिला था. पहले उनके ही परिवार को टिकट दिया गया था लेकिन स्थानीय स्तर पर हुए विरोध के बाद में संगीता को टिकट दिया गया. अशोक रावत भी जातीय समीकरण को फिट करते हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में जा सकता है.