लखनऊ : समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत लाभ पाने वाले अभ्यर्थियों की अब 'दर्पण एप' के माध्यम से निगरानी की जाएगी. एप के माध्यम से विभिन्न जिलों में योजना की मौजूदा स्थिति और लाभ पाने वाले कन्या एवं वर पक्ष की सभी जानकारी एप के माध्यम से विभाग को भेजी जाएगी. इस योजना के तहत बीते 13 दिसंबर तक प्रदेश के 19 जिलों में एक भी जोड़े की शादी नहीं हुई है.
समाज कल्याण विभाग के निदेशक के अनुसार, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रदेश के 75 जिलों को लक्ष्य निर्धारित किया गया था. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 106911 जोड़ों का विवाह कराया जाना था. इस वित्तीय वर्ष में 19 जिलों में एक भी विवाह नहीं कराया गया. विभाग ने अब योजना का पूरा डाटा 'दर्पण एप' पर अपलोड करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं.
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस एप के माध्यम से सरकारी डाटा को केवल आकर्षक बनाया जा रहा है. साथ ही इस एप के माध्यम से विभिन्न जिलों में होने वाले विवाह आयोजनों की निगरानी के लिए यह प्लेटफाॅर्म मददगार होगा. जिले से आए डाटा और एप में अपलोड किए गए डाटा से मिलान कर उसकी जांच सुनिश्चित हो सकेगी. ऐसा होने से योजना में होने वाले किसी भी तरह की गड़बड़ी व धोखाधड़ी को पकड़ा जा सकेगा. ज्ञात हो कि बीते कुछ महीनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों में सामूहिक विवाह योजना में काफी गड़बड़ियां सामने आईं थीं.
समाज कल्याण के निदेशक कुमार प्रशांत ने बताया कि प्रदेश के 19 जिलों में एक भी जोड़ों का विवाह नहीं हुआ है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह गंभीरता दिखाते हुए योजना के तहत पात्र जोड़ों का विवाह कराकर तथा उसका डाटा फोटो एवं जानकारी दर्पण एप के माध्यम से अपलोड करें. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी मुजफ्फरनगर, सिद्धार्थ नगर, अंबेडकर नगर, चंदौली, गौतमबुद्ध नगर, गोंडा, अमरोहा, बलिया, बलरामपुर, प्रयागराज, संभल, संत कबीर नगर, कानपुर देहात, कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, मैनपुरी, मथुरा, मुरादाबाद और सीतापुर जिलों में अभी तक इस साल एक भी सामूहिक विवाह योजना को नहीं शुरू किया गया है.
निर्देशक कुमार प्रशांत ने बताया कि योजना के तहत सभी जानकारी को 'दर्पण एप' के माध्यम से इकट्ठा किया जा रहा है. लाभार्थियों की जानकारी के साथ-साथ कार्यक्रम का आयोजन कहां किया गया है, कितने जोड़ों का विवाह करवाया गया, मुख्य अतिथि के तौर पर किन्हें बुलाया गया, हर जोड़े को निर्धारित सामग्री का वितरण किया गया. उसकी फोटो सहित 100 से अधिक जानकारियां अपलोड करना है. उन्होंने बताया कि बिजनौर में 1974, गोरखपुर में 1678, कुशीनगर में 1131, शाहजहांपुर में 1043 और कौशांबी में 900 जोड़ों का विवाह कराया गया है, जो प्रदेश के सभी 75 जिलों में सबसे अधिक है.