पौड़ी: जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत ने एक दलित युवती से दुष्कर्म व एससीएसटी एक्ट के दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषियों पर 64 हजार का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड जमा नहीं किए जाने पर दोषियों को छह-छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
तहसील पौड़ी के एक गांव की एक दलित युवती से गांव के ही दो युवको द्वारा दुष्कर्म किए जाने की घटना मार्च 2021 में सामने आई थी. अदालत ने आरोपियों को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए बीते 29 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. तहसील पौड़ी के एक गांव एक दलित युवती बीते 20 मार्च 2021 को बाजार से पैदल घर को जा रही थी. इसी दौरान गांव के दो युवक उसे जबरन बाइक में बैठाकर जंगल की ओर ले गए. जहां उन्होंने युवती से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.
साथ ही किसी को बताए जाने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी, लेकिन युवकों के जाते ही पीड़िता ने पुलिस को फोन से शिकायत दी. पुलिस की टीम राजस्व पुलिस के साथ घटना स्थल पर पहुंची. राजस्व पुलिस ने मामले में दो आरोपी युवकों के खिलाफ दुष्कर्म, एससीएसटी एक्ट, मारपीट, जान से मारने की धमकी सहित अन्य धाराओ में मुकदमा दर्ज किया था. साथ ही उसी दिन पीड़िता का मेडिकल भी करवाया गया. 25 मार्च 2021 को मामले की विवेचना तत्कालीन सीओ सदर पीएल टम्टा को सौंपी गई.
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) प्रदीप कुमार भट्ट ने बताया जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी अजय चौधरी की अदालत ने दो युवकों को दलित युवती से दुष्कर्म, एससीएसटी एक्ट, मारपीट व जान से मारने की धमकी का दोषी पाया. अदालत ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा और 32-32 हजार का अर्थदंड लगाया है. अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह पेश किए गए.
पढ़ें-सत्येंद्र साहनी सुसाइड केस, मोबाइल सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज, बैंक अकाउंट खोलेंगे 'राज' - Satendra Sahni Suicide Case