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हत्या के मामले में आजीवन कारावास का सजायाफ्ता 16 साल से था फरार, UPSTF ने किया गिरफ्तार - Murder Accused Arrested in Varanasi - MURDER ACCUSED ARRESTED IN VARANASI

वाराणसी में मंगलवार को यूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी. यहां पुलिस ने 16 साल से फरार चल रहे हत्या के मामले में दोषी करार दिये गये अभियुक्त सुरेश मिश्रा का गिरफ्तार कर लिया.

life imprisonment convicted murder case accused Suresh Mishra absconding for 16 years arrested by UPSTF in Varanasi
अभियुक्त सुरेश मिश्रा उर्फ लाल बहादुर गिरफ्तार (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 11, 2024, 7:56 PM IST

वाराणसी:मंगलवार को UP STF ने 16 वर्षो से पुलिस अभिरक्षा से फरार चल रहे सुरेश मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया. अदालत ने उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. उस पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. मंगलवार को अभियुक्त सुरेश मिश्रा उर्फ लाल बहादुर को वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 के पीछे से गिरफ्तार किया गया. सुरेश मिश्रा बस्ती का रहने वाला है.

वाराणसी एसटीएफ यूनिट के एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि सुरेश मिश्रा 16 वर्षो से पुलिस अभिरक्षा से फरार चल रहा था. हत्याकाण्ड के मामले में उसको अदालत नेआजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था.

गिरफ्तार अभियुक्त सुरेश मिश्रा उर्फ लाल बहादुर ने पुलिस को बताया कि उसका पट्टीदार रामाशीष मिश्रा से जमीनी विवाद काफी समय से चला आ रहा था. 12 फरवरी 2001 को बांस काटने की बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया था. इस दौरान उसने रामाशीष के पक्ष से आये विनोद मिश्रा की चाकू मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में बस्ती के थाना हरैया में सुरेश मिश्रा और उसके भाई रामसागर मिश्रा के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत हुआ था.

स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. इस हत्याकाण्ड में अभियुक्त सुरेश मिश्रा उर्फ लाल बहादुर को 24 मार्च 2007 को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गयी थी. उसको केन्द्रीय कारागार वाराणसी में भेजा गया था.

वहीं एडिशनल एसपी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2008 में अभियुक्त सुरेश मिश्रा को पीलिया रोग हो गया. इलाज के लिये उसे जेल सुरक्षा कर्मियों की कस्टडी में राजकीय मण्डलीय चिकित्सालय कबीरचौरा थाना कोतवाली वाराणसी में भर्ती कराया गया था. वह 9 अक्टूबर 2008 को अस्पताल से फरार हो गया था. इस सम्बन्ध में थाना कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था. फरार होने के यह दिल्ली जाकर लाल बहादुर राम के नाम से रहने लगा. वहीं पर राजगीर का काम कर रहा था.

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