नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अस्पतालों में खाली पड़े पदों को लेकर एलजी और सरकार के बीच लगातार टकराव बना हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज, उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर रिक्तियां नहीं भरे जाने को लेकर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं. अब इस मामले पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने स्वास्थ्य विभाग में भर्तियों और रिक्त पड़े पदों की स्थिति का रिव्यू किया है. रिव्यू मीटिंग में दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पिछले 10 सालों से लंबित मेडिकल, पैरामेडिकल और नर्सिंग विंग में पदों को भरने में तेजी लाने पर बल दिया गया.
अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी: एलजी ने बताया कि यूपीएससी की ओर से ग्रुप 'ए' में न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी और माइक्रो बायोलॉजी आदि विभिन्न श्रेणियों में 23 डॉक्टरों को पहले ही नियुक्त किया जा चुका है. स्वास्थ्य विभाग को उनके डोजियर, जुलाई 2023 की शुरुआत में ही भेज दिए गए हैं. यूपीएससी की ओर से मई 2024 में भी कई डोजियर भेजे गए हैं.
हालांकि, इन डॉक्टरों की पोस्टिंग के संबंध में निर्णय लेने वाली राष्ट्रीय राजधानी सिविल सर्विस ऑथोरिटी (NCCSA) (जिसके मुख्यमंत्री अध्यक्ष हैं) की बैठक सीएम के न्यायिक हिरासत में होने की वजह से नहीं हो सकी है. जिसके कारण इन डॉक्टरों की पोस्टिंग अभी तक नहीं हो सकी है. दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी को देखते हुए एलजी ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (सर्विसेज) को तुरंत इसका समाधान निकालने का निर्देश दिया.
प्रेजेंटेशन में बताया गया कि मेडिकल ब्रांच में जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर के 1364 स्वीकृत पद थे, जिनमें से 234 खाली थे और भरे जाने के शुरुआती चरण में थे. यूपीएससी ने सूचित किया है कि इस प्रक्रिया को सितंबर, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा नॉन टीचिंग स्पेशलिस्ट सब-कैडर के संबंध में बताया गया कि 21 स्पेशलिस्ट में 279 पद रिक्त हैं. दिसंबर 2024 तक यूपीएससी इनमें से 258 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगा.