भोपाल: बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हुई दस हाथियों की मौत पर राजनीति गरमा गई है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मामले को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ हम हाथी को भगवान गणेश का रूप मानते हैं. लेकिन जिस तरह से इनकी मौत हो रही है, ये सरकार के लिए बड़ा अशुभ समय है. उन्होने कहा कि क्या वजह है कि शस्त्र पूजन करने वाली सरकार वन्यप्राणियों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है.
दस हाथियों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार अब तक चुप बैठी है
सिंघार ने वन मंत्री और विजयपुर सीट से उपचुनाव में उम्मीदवार राम निवास रावत पर भी निशाना साधा और कहा कि एक तरफ हाथियों की मौत हो रही है. वहीं दूसरी तरफ वन मंत्री वोट मांग रहे हैं. अब तक दस हाथियों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार इस पूरे मामले पर अब तक चुप बैठी है.
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Etv Bharat)
हाथियों की मौत पर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से पूछे सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार से पूछा है कि इनमें से कई हाथी झारखंड के पलामू से आते रहे हैं. कुछ कर्नाटक से आए हैं. लेकिन ऐसी जानकारी है कि बीते चार साल से ये लोग यहीं रहने लगे थे. यही होम रेंज बना लिया था. सवाल ये है कि इस होम रेंज के अंदर सरकार ने क्या किया? वन समितियों और आदिवासियों से इस संबंध में कोई बात की? हाथियों का विस्थापन किस प्रकार करना है, इसके लिए क्या प्रयास किए गए?
सिंगार ने कहा जिनका विस्थापन किया जाना है उन हाथियों को लेकर आदिवासियों से कोई बातचीत नहीं हुई. सिंगार ने आरोप लगाया कि ये असल में सरकार और वन विभाग के अधिकारियों का कुप्रबंधन है. कहा कि इतने समय से हाथी यहां रहते आए हैं और सरकार ने उनके विस्थापन को लेकर कोई बात नहीं की. उन्होने कहा कि सरकार को इसका तत्काल संज्ञान लेना चाहिए.