प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील न्यायाधीशों की संख्या में अत्यधिक कमी और प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल-2025 के विरोध में शुक्रवार को न्यायिक कार्य से विरत रहे. हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी एवं महासचिव विक्रांत पांडेय के साथ बड़ी संख्या में वकीलों ने हाईकोर्ट के गेट नंबर तीन पर एकत्र होकर प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया. वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण हाईकोर्ट का कामकाज प्रभावित हुआ और वादकारियों को निराशा हाथ लगी.
हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कहा कि उच्च न्यायालय में जजों की संख्या स्वीकृत संख्या के आधे से भी कम है, जिससे न्यायिक कार्य बहुत प्रभावित हो रहा है और मुकदमों का बोझ काफी बढ़ गया है. दूसरी ओर वकील काफी समय से अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करने के लिए संघर्षरत हैं. लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और अब अधिवक्ता संशोधन बिल-2025 से सिर्फ वकीलों के अधिकारों को संकुचित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
संयुक्त सचिव प्रेस पुनीत कुमार शुक्ल के अनुसार विरोध प्रदर्शन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे, उपाध्यक्ष अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अखिलेश कुमार मिश्र व नीरज त्रिपाठी, संयुक्त सचिव सुमित कुमार श्रीवास्तव, अभिजीत कुमार पांडेय व आंचल ओझा, कोषाध्यक्ष रणविजय सिंह, गवर्निंग काउंसिल सदस्य उदिशा त्रिपाठी, अवधेश मिश्र, अभिषेक तिवारी, सच्चिदानंद यादव, दिनेश यादव, सर्वेश्वर लाल श्रीवास्तव, पूर्व महासचिव डॉ सीपी उपाध्याय, धर्मेंद्र शुक्ल, संतोष मिश्र, सौरभ शुक्ल, शशि प्रकाश सिंह, आनंद मोहन पांडेय, राम श्याम शंकर पांडेय, नीतेश पांडेय, इंदु शेखर त्रिपाठी, सूरज मिश्र, सुबोध पांडेय, अभय राज सोनकर, टीपी दुबे, सुभाष मौर्य आदि शामिल रहे.